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सौरभ वर्मा/ रायबरेली: कहते हैं जहां चाह होती है वहां राह होती है. इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया रायबरेली के रहने वाले एक युवक ने, जिसने अपनी मेहनत व लगन के बल पर कुछ ऐसा किया, जो दूसरे युवाओं के लिए मिसाल बन गया. हम बात कर रहे हैं रायबरेली जनपद के जगतपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत उड़वा गांव के रहने वाले अमित कुमार वर्मा की, जो लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक( बीए) तक की पढ़ाई पूरी करके नौकरी की तरफ नहीं भटके, बल्कि उन्होंने अपने पुश्तैनी काम खेती करना शुरू कर दिया. आज वह खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

लोकल 18 से बात करते हुए अमित कुमार वर्मा ने बताया कि सरकारी नौकरियां ही अच्छी आय का साधन नहीं होती हैं. अगर हम मेहनत से अपनी खेती करें, तो इससे बड़ा आय का साधन कोई दूसरा नहीं है. वह अपनी पुश्तैनी जमीन पर परंपरागत खेती यानी कि धान गेहूं की फसलों की खेती न करके बागवानी कर रहे हैं. जिससे वह कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

अमित कुमार के मुताबिक बागवानी की खेती भी वह परंपरागत तौर तरीके से न करके एक खास तकनीक यानी कि आईपीएम विधि से खेती कर रहे हैं. इस खास तकनीकी के जरिए वह अपने फसलों में किसी भी रसायन या कीटनाशक का प्रयोग नहीं करते हैं. खास तकनीक से खेती करके वह सालाना लाखों रुपए की कमाई कर लेते हैं.

25 एकड़ ज़मीन पर कर रहे तरबूज की खेतीजिले के युवा प्रगतिशील किसान अमित वर्मा लगभग 25 एकड़ जमीन पर तरबूज की खेती कर रहे हैं. वह कीटनाशकों या रसायन का नाम मात्र भी प्रयोग नहीं करते. खेतों में फसल को कीटों से बचाव के लिए वह आईपीएम तकनीकी का प्रयोग करते हैं, साथ ही वह बताते हैं कि खेत में तैयार फसल को वह रायबरेली ,लखनऊ ,प्रयागराज ,प्रतापगढ़ ,फैजाबाद के बाजारों में बिक्री के लिए भेजते हैं, जहां से उन्हें अच्छा मुनाफा मिल जाता है. वह बीते 15 वर्षों से यह खेती कर रहे हैं .

लागत कम मुनाफा ज्यादालोकल 18 से बात करते हुए अमित बताते हैं कि अन्य फसलों की तुलना में बागवानी की फसल ज्यादा मुनाफे वाली होती है. यह एक नगदी फसल है, जिसमें लागत कम मुनाफा ज्यादा होता है. वह बताते हैं कि एक एकड़ जमीन में 50 से 60 हजार रुपए की लागत आती है, तो वहीं सालाना 10 से 12 लाख रुपए की आसानी से कमाई हो जाती है. क्योंकि कीटनाशक मुक्त सब्जियों की बाजारों में खूब मांग भी होती है. जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा भी मिल जाता है. वह बताते हैं कि इस विधि की जानकारी उन्हें रायबरेली के कृषि वैज्ञानिक विनय कुमार वर्मा द्वारा मिली थी.

क्या है आइपीएम विधिआईपीएम विधि के बारे में जानकारी देते हुए कृषि वैज्ञानिक विनय वर्मा बताते हैं कि जिले में लगभग कई किसान ऐसे हैं, जो आईपीएम विधि से खेती कर रहे हैं. यह एक ऐसी तकनीकी है जिससे किसानों को अपनी फसल में कीटनाशकों का प्रयोग नहीं करना पड़ेगा. इस विधि के तहत किसान अपने खेत में तैयार फसल को कीटों से बचाने के लिए किसान पीले ,नीले , लाल स्टिक ट्रैप का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें एक खास किस्म का चिपचिपा पदार्थ लगा होता है, जो फसल में लगने वाले कीट को अपनी और आकर्षित कर लेता है. जिससे कीट उसी में चिपक जाते हैं. इस प्रक्रिया से फसल में कीट नहीं लगते हैं, तो ऐसे में किसानों को किसी भी कीटनाशक का प्रयोग नहीं करना पड़ता और फसल की पैदावार भी खूब होती है.
.Tags: Farming, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : April 29, 2024, 07:58 IST

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