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लखनऊ. समाजवादी पार्टी से कथित तौर पर नाराज शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) के भाजपा में जाने की अटकलों के बीच अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने दिल्‍ली में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) से मुलाकात की है. हालांकि पिता-पुत्र के बीच चली बैठक में किन बिंदुओं पर चर्चा हुई, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. माना जा रहा है कि बदलती परिस्थितियों को लेकर अखिलेश यादव ने अपने पिता से बातचीत की है.
सपा सूत्रों ने बताया कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव की अपने पिता मुलायम सिंह यादव के साथ मुलाकात करीब दो घंटे तक चली. वैसे कुछ दिन पहले ही शिवपाल भी अचानक नेताजी से मिलने दिल्‍ली आए थे.
वहीं, सपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में तनाव की खबरों के बीच शिवपाल यादव द्वारा हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की गई मुलाकात के बाद अटकलों को बल मिला था. जबकि राजनीतिक हलकों में ट्वीटर और कू पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी को फॉलो करना भाजपा में जाने की दिशा में एक और कदम के रूप में देखा जा रहा है.
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रवक्‍ता ने कही ये बात इस नये कदम की पुष्टि करते हुए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रवक्ता दीपक मिश्रा ने शनिवार को कहा कि नए साल में कुछ नया होना चाहिए. प्रवक्ता ने कहा, ‘प्रसपा चीफ ने शनिवार (हिंदू नव वर्ष का पहला दिन) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को ट्विटर पर फॉलो करना शुरू कर दिया.’
यह पूछे जाने पर कि क्या इस कदम को उनके भगवा खेमे में जाने की संभावना के रूप में देखा जाए? इस पर मिश्रा ने कहा कि वह संभावनाओं से इंकार नहीं करते. साथ ही उन्होंने अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में कहा कि राजनीति में संभावनाएं हमेशा जीवित रहती हैं. बता दें कि शिवपाल सिंह यादव के ट्विटर हैंडल के अनुसार वह वर्तमान में बौद्ध आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा, भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री कार्यालय और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय सहित 12 ट्विटर हैंडल को फॉलो करते हैं. वैसे इस लिस्‍ट में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम भी शामिल हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच दूरियां तब से बढ़ रही हैं जब उनको 26 मार्च को नव निर्वाचित सपा विधायकों की बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था. शिवपाल यादव प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख हैं, लेकिन उन्होंने सपा के साइकिल चिह्न पर हाल ही में संपन्न विधानसभा का चुनाव लड़ा था. इसके अलावा वह गत सोमवार को अखिलेश यादव द्वारा बुलाई गई विपक्षी गठबंधन की बैठक में शामिल नहीं हुए थे और एक विधायक के रूप में शपथ लेने में ‘देरी’ की थी. नई विधानसभा में ऐसी अटकले लगायी जा रही हैं कि ‘चाचा-भतीजा’ के बीच सब कुछ ठीक नहीं है.
शिवपाल सिंह यादव अगर पाला बदलते है तो कई लोगों को आश्चर्य नहीं होगा क्योंकि कई मौकों पर अखिलेश ने खुद अपने चाचा पर आदित्यनाथ के संपर्क में रहने और भगवा पार्टी के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया है. राजनीतिक गलियारों में इस बात के कयास लगाये जा रहे हैं कि भाजपा शिवपाल को राज्यसभा भेज सकती है और जसवंतनगर सीट उनके बेटे आदित्य यादव को दे सकती है. इस बार शिवपाल सपा के चुनाव चिह्न पर अपनी पारंपरिक जसवंतनगर सीट से छठी बार जीते हैं.

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