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Silver health benefits: 2 नवंबर 2021 को पूरे भारत में धनतेरस का त्योहार (Dhanteras 2021 Festival) मनाया जा रहा है. इस दिन बाजार से सोना व चांदी खरीदकर घर लाना काफी शुभ माना जाता है. लेकिन यह बहुत कम लोग जानते हैं कि ‘चांदी’ खाना भी सेहत के लिए काफी शुभ यानी स्वास्थ्यवर्धक होता है. हम बात कर रहे हैं चांदी भस्म की, जिसे रजत भस्म (Rajat Bhasma Benefits) कहा जाता है. आयुर्वेद के मुताबिक, रजत भस्म एक नैचुरल हेल्थ सप्लीमेंट होता है, जिसका सेवन करने से कई बीमारियां दूर हो सकती हैं.

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Silver Health Benefits: चांदी भस्म (Rajat Bhasma) खाने के खास फायदे
देश के जाने-माने आयुर्वेदिक लेखक और एक्सपर्ट डॉ. अबरार मुल्तानी ने धनतेरस (Dhanteras 2021) के मौके पर बताया कि आयुर्वेद के रस शास्त्र में औषधीय गुण रखने वाले सभी धातु की प्रोसेसिंग आदि का जिक्र दिया गया है. क्योंकि, आप सामान्य रूप में चांदी आदि का सेवन नहीं कर सकते हैं. कई स्टेज और प्रोसेस से गुजरने के बाद नैचुरल चांदी को खाने लायक भस्म के रूप में लाया जाता है. जिससे निम्नलिखित फायदे मिलते हैं.

शारीरिक दर्द और सूजन से राहत दिलाने में नैचुरल पेन रिलीवर की तरह काम करती है.
प्राकृतिक रूप से वात्त और पित्त दोष को संतुलित करती है.
अगर कोई व्यक्ति मानसिक कमजोरी से जूझ रहा है, तो रजत भस्म उसके लिए काफी फायदेमंद है.
रजत भस्म के फायदों में एनीमिया, सूखी खांसी और बुखार में राहत मिलता भी शामिल है.
अगर कम उम्र में ही आप स्किन एजिंग से परेशान हैं, तो स्किन को जवान बनाने के लिए चांदी भस्म का सेवन कर सकते हैं.
दिल के रोग, कमजोर पाचन शक्ति, शारीरिक कमजोरी, डायबिटीज आदि समस्याओं का रजत भस्म इलाज कर सकती है.
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चांदी भस्म का सेवन कब और कैसे करें?
डॉ. अबरार मुल्तानी कहते हैं कि चांदी भस्म यानी रजत भस्म का सेवन सुबह-शाम खाना खाने के बाद किया जा सकता है. आप शहद या ब्राह्मी रस के साथ इसकी 100-125 ग्राम (पूरे दिन में) मात्रा का सेवन कर सकते हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि आमतौर पर रजत भस्म का सेवन सुरक्षित होता है. लेकिन फिर भी चांदी भस्म खाने से पहले किसी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.

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