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पीयूष शर्मामुरादाबाद. आजकल के युवाओं में शराब पीने की लत बढ़ती जा रही है. कभी पार्टी तो कभी तनाव को दूर करने के नाम पर युवाओं का खराब पीना आम हो गया है. कुछ स्टेटस सिंबल मानकर शराब शुरू करते हैं. और फिर वह लत बन जाती है. शराब का बढ़ता दौर युवाओं के दिमाग को कमजोर कर रहा है. यह युवाओं के लिए खतरे की घंटी है. चिकित्सकों का कहना है कि अल्कोहल डिमेंशिया (याद न रहने की बीमारी) के खतरे तक पहुंचा देता है.

चिकित्सकों का कहना है कि ओपीडी में दस में से दो ऐसे मरीज आ रहे है. जिनको याददाश्त या एकाग्रता की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिला अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन मानसिक समस्याओं से संबंधित करीब 60 मरीज आते हैं. चिकित्सकों का कहना है कि लोगों में जागरूकता की कमी है. खास कर दो तीन बार शराब पीने से स्वास्थ्य को कोई खतरा नहीं होता है. जबकि शराब दिमाग पर दुष्प्रभाव उसकी मात्रा से नहीं बल्कि ड्रिंकिंग पैटर्न से अधिक पड़ता है. शराब पीकर होश गंवाने वाले युवाओं को फॉरगेट फुलनेस बीमारी होती है.

डिमेंशिया का पहला चरण है यह बीमारीयह डिमेंशिया का पहला चरण है. इसमें युवाओं को चीजों को भूलने और नया कुछ याद करने में परेशानी होती है. जिला अस्पताल में तैनात क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर धनंजय ने बताया युवाओं में बढ़ती इस बीमारी की फॉरगेटफूलनेस बीमारी कहा जाता है. यह डिमेंशिया का शुरुआती लक्षण है. पिछले दिनों कई ऐसे मामले आए.

काउंसलिंग में परिजनों ने बताया है कि उनके बेटे या पति शराब के आदी हैं. और उनको यह परेशानी है. इसके बाद दोनों की काउंसलिंग की गई. यह दिनचर्या बदलने से और पौष्टिक तत्वों के सेवन से इसे सुधारा जा सकता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Alcohol, Health tips, Moradabad News, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : April 05, 2023, 06:31 IST

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