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Rajasthan Royals Player Double Standard: राजस्थान रॉयल्स ने शनिवार को आईपीएल-2023 के मुकाबले में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ निर्धारित 20 ओवर में 4 विकेट पर 199 रन का बड़ा स्कोर बनाया. इसमें ओपनर जोस बटलर और यशस्वी जायसवाल का अहम योगदान रहा. इसी बीच एक खिलाड़ी का पक्षपाती रवैया भी मैदान पर देखने को मिला, जिसे लेकर फैंस ने कड़ी आपत्ति जताई.कहानी अभी बाकी हैलाइव टीवी
बटलर और जायसवाल ने मचाया धमाल
दिल्ली के कप्तान डेविड वॉर्नर ने टॉस जीतकर राजस्थान रॉयल्स को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया. टीम को जोस बटलर (Jos Buttler) और यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने तूफानी शुरुआत दी. दोनों ने मिलकर 98 रनों की ओपनिंग साझेदारी की, जिसे युवा पेसर मुकेश कुमार ने तोड़ा. यशस्वी ने 31 गेंदों पर 11 चौके और एक छक्के की मदद से 60 रन बनाए. फिर बटलर एक छोर पर जमे रहे और शतक के करीब तक पहुंचे. उन्हें भी मुकेश ने पवेलियन की राह दिखाई.
बटलर का दिखा तूफान
इंग्लैंड के धाकड़ बल्लेबाज जोस बटलर पारी के 19वें ओवर में पवेलियन लौटे. बटलर ने 51 गेंदों पर 11 चौके और एक छक्के की बदौलत 79 रन बनाए. शिमरोन हेटमायर 21 गेंदों पर एक चौके और 4 छक्के की मदद से 39 रन बनाकर नाबाद लौटे. ध्रुव जुरेल ने 3 गेंदों पर एक छक्का लगाकर नाबाद 8 रन बनाए. दिल्ली के लिए मुकेश कुमार ने 4 ओवर में 36 रन देकर 2 विकेट लिए जबकि कुलदीप यादव और रोवमैन पॉवेल को 1-1 विकेट मिला.
मैदान पर दिखा दोगलापन
इस बीच मैदान पर बीच मैच में एक खिलाड़ी का दोगलपन भी दिखा. ये खिलाड़ी राजस्थान रॉयल्स के ओपनर जोस बटलर ही हैं. दरअसल, ऐसा हमें नहीं, सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स को लगा. जोस बटलर को आउट करने के लिए थर्ड अंपायर का सहारा लिया गया था. हुआ ये कि मुकेश कुमार ने अपनी ही गेंद पर उन्हें कैच किया. अंपायर्स को लगा कि गेंद बंप (कैच आने से पहले जमीन पर टप्पा) हुई है. हालांकि बटलर इस बात को जानते थे लेकिन वह फिर भी क्रीज पर टिके रहे और अंपायर के फैसले का इंतजार किया. 
सोशल मीडिया पर लोगों ने जताया ऐतराज
श्रीराम नाम के एक यूजर ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘यह थोड़ा कठोर लग सकता है, लेकिन मुझे लगता है कि जोस बेहद दोगलेपन वाले क्रिकेटर हैं. एक तरफ तो उन्हें अंपायरिंग त्रुटियों का फायदा उठाने में कोई समस्या नहीं है (आज उनके विकेट और फिर अंपायर का फैसला जो बाद में उलट दिया गया) दूसरी तरफ वह फील्डिंग स्मार्ट (मांकड़िंग) को लेकर विरोध जताते हैं. जब ऐसा (मांकड़िंग) किया जाता है तो वह क्रिकेट नैतिकता के स्व-नियुक्त ध्वजवाहक बन जाते हैं. क्या ऐसा सिर्फ मैं सोचता हूं या अन्य लोग भी उनके नैतिक मानकों को लेकर ऐसा ही महसूस करते हैं?’
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