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Shoaib Akhtar to Mark Wood: शोएब अख्तर की गिनती दुनिया के दिग्गज तेज गेंदबाजों में होती है. वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. कई बार वह अपनी टीम के खिलाड़ियों की आलोचना करते हैं तो कभी अच्छे प्रदर्शन के लिए हौसलाअफजाई भी करते हैं. अब उन्होंने इंग्लैंड के पेसर को एक अजीबोगरीब सलाह दी है. इंग्लैंड टीम फिलहाल पाकिस्तान दौरे पर है और टेस्ट सीरीज खेल रही है.
अख्तर की मार्क वुड को सलाह
क्रिकेट इतिहास की सबसे तेज रिकॉर्डेड गेंद फेंकने वाले शोएब अख्तर युवा खिलाड़ियों को टिप्स भी देते हैं. अब उन्होंने इंग्लैंड के पेसर मार्क वुड को एक सलाह दी है. अख्तर ने ‘द वॉनी एंड टफर्स क्रिकेट क्लब’ पोडकास्ट पर बातचीत के दौरान कहा कि मार्क वुड एक शानदार दिखने वाले और बेहतरीन गेंदबाजी एक्शन वाले लड़के हैं. उन्होंने कहा कि वुड को गेंदबाजी करते देखना उन्हें काफी पसंद आता है. अख्तर की नजर में 100 मील प्रति घंटे की रफ्तार को छूने के लिए मार्क वुड को एक खास ट्रेनिंग की जरूरत होगी, जिसकी कभी उन्होंने खुद प्रैक्टिस की थी.
ट्रक खींचो अगर…
अख्तर ने कहा, ‘उनमें (मार्क वुड) कुछ बातें मैंने नोटिस की हैं. वह अपना फॉलो-थ्रू खो देते हैं. ईश्वर का शुक्र है कि उन्होंने अपना रनअप छोटा कर लिया. वह बाएं पैर पर लैंड करते हैं और आप अक्सर देखेंगे कि वह पिच पर गिर जाते है. इसका कारण है कि वह फॉलो थ्रू को नियंत्रित नहीं कर सकते. अगर वह सोच रहे हैं कि वह 155 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से गेंदबाजी नहीं कर सकते, तो बिल्कुल गलत हैं. अगर वह 100 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करना चाहते हैं, तो ट्रकों को खींचना शुरू करना होगा. मैंने लगभग 26 गज की पिचें बनाई थीं. मैंने एक गेंद को सामान्य से लगभग चार गुना भारी बनाया. बहुत वजन वाली ट्रेनिंग की, साइकिल पर वजन के साथ सवारी की. मैं लगभग 1000 बार ऐसा करता था.’
2003 वर्ल्ड कप में फेंकी थी सबसे तेज गेंद
अख्तर ने आगे कहा, ‘मैंने ऐसी मांसपेशियां विकसित की हैं, जिनके बारे में पहले कभी नहीं सोच पाता था. मुझे नहीं पता था कि मैं एक ही समय में अपने घुटनों और हड्डियों की मजबूती को खो रहा था. जो भी गेंदबाज 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकता है, उसके पास सही तैयारी और सही रिकवरी के साथ 10 किलोमीटर रिजर्व में रहते हैं.’ अख्तर ने साल 2003 में वर्ल्ड कप के दौरान सबसे तेज गेंद फेंकने की उपलब्धि हासिल की थी. उनकी उस गेंद की रफ्तार 161.3 किमी प्रतिघंटा थी.
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