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अभिषेक जायसवाल/वाराणसी. अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2023) कहते हैं. इसे पूनम पूर्णिमा और कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है. हिंदू पंचाग के मुताबिक, यह पर्व इस साल 28 अक्टूबर 2023 को मनाया जाएगा.

काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय के मुताबिक, ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी रात्रि में पृथ्वी लोक का भ्रमण करती हैं. यही वजह है कि इस दिन घरों में साफ सफाई जरूर रखनी चाहिए. इससे घर में लक्ष्मी वास करती हैं. इसके अलावा इस दिन खीर बनाकर रात्रि में छत पर रखनी चाहिए. कहा जाता है कि इस दिन आसमान से अमृत वर्षा होती है.

इस साल कब है शरद पूर्णिमा? हिंदू पंचाग के अनुसार, 28 अक्टूबर को भोर में 4 बजकर 17 मिनट पर पूर्णिमा तिथि लगेगी, जो कि 28 और 29 अक्टूबर की मध्यरात्रि 1 बजकर 58 मिनट पर तक रहेगी. इस लिहाज से 28 अक्टूबर को ही शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा.

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बन रहे शुभ संयोगज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय के मुताबिक, शरद पूर्णिमा के दिन इस बार कई शुभ संयोग भी बन रहे हैं. इन दिन अश्वनी और रेवती नक्षत्र के साथ रवि योग भी बन रहा है. ऐसे में इस दिन अमृत वर्षा से लोगों को स्वास्थ्य लाभ होगा. यही नहीं, जो इस दिन रात्रि में खीर खुले आसमान के नीचे रखकर सुबह उसका सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां दूर होंगी.(नोट:यह खबर धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषशास्त्र पर आधारित है. News 18 इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता हैं.)
.Tags: Astrology, Dharma Aastha, Laxmi puja, Religion 18FIRST PUBLISHED : September 21, 2023, 16:26 IST

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