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नई दिल्ली. देश में हर साल जुलाई से सितंबर-अक्टूबर महीने तक डेंगू (Dengue) का खौफ रहता है. इस साल भी दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई हिस्सों में डेंगू से खौफ है.  राजधानी दिल्ली में दिल्ली नगर निगम (MCD) ने डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और अन्य वेक्टर जनित बीमारियों को रोकने के लिए कई तरह के उपाय किए हैं. इसके बावजूद डेंगू के मामलों में कमी नहीं आ रही है. दिल्ली के अस्पतालों में डेंगू मरीजों का आना लगातार जारी है. डेंगू की चपेट में आने वाले मरीजों में इस बार टाइफाइड की भी पुष्टि हो रही है. दिल्ली से सटे गाजियाबाद में कई डेंगू मरीजों में टाइफाइड भी निकल रहे हैं.

एमसीडी ने कहा है कि दिल्ली में डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए मलेरिया निरीक्षकों, डीबीसी कार्यकर्ताओं, फील्ड कार्यकर्ताओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन 1 लाख से अधिक घरों के किए जा रहे हैं. इसके अलावा हर वार्ड में विशेष अभियान और जागरूकता अभियान तेज कर दिए गए हैं. इसके लिए 3000 से अधिक डीबीसी कार्यकर्ता और 2000 फील्ड कर्मचारी मच्छरों के प्रजनन का पता लगाने और उसको खत्म करने के लिए घर-घर दौरा कर रहे हैं.

Dengue Cases in Delhi-NCR: डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मच्छररोधी वार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं.

डेंगू मरीजों में निकल रहा है टाइफाइडएमसीडी के कर्मचारियों ने अब तक 2,48,50,956 घरों का दौरा किया है और 7,89,995 घरों, इमारतों और अन्य आवासीय परिसरों में मच्छर रोधी स्प्रे किया है. इसके अलावा 1,04,960 मकान मालिकों को कानूनी नोटिस और 27,100 घरों और दफ्तरों का चालान किया गया है. एमसीडी नागरिकों से जल जमाव को रोकने का आग्रह किया है ताकि मच्छर पनप न सकें. इसके साथ ही नगर निकाय ने निर्माण स्थलों, पार्कों, नर्सरी, अस्पतालों, स्कूलों और सरकारी कार्यालयों जैसे संस्थानों को कवर करने के लिए विशेष अभियान चलाया है.

क्या कहते हैं डॉक्टरडॉक्टर अभिषेक कहते हैं, ‘देखिए हमलोग मरीज की रिपोर्ट के आधार पर ट्रीटमेंट नहीं करते हैं, बल्कि मरीज की कंडिशन देख कर इलाज करते हैं. अगर मरीज का प्लेटलेट्स 10 हजार भी आ जाता है और मरीज ठीक से खाना खा रहा है और उसको किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है तो हमलोग प्लेटलेट्स बढ़ने का इंतजार करते हैं. वैसे तो डेंगू प्लेटलेट्स को खत्म नहीं करता, लेकिन यह प्लेटलेट्स काउंट और फंक्शन को खराब करने लगता है. हां, यह जरूर आपको कहना चाहूंगा कि अगर 20 हजार से नीचे प्लेटलेट्स जाता है तो मरीज की जान को खतरा रहता है. अस्पताल में आने वाले मरीजों में तेज बुखार, उल्टी, सिरदर्द, शरीर पर लाल चकत्ते के लक्षण देखे जा रहे हैं. कई मरीजों को तो बुखार के तीसरे दिन ही प्लेटलेट्स की कमी आने लगी है.’

गाजियाबाद में अब तक डेंगू के तकरीबन 400 मरीज मिले हैं.

दिल्ली से सटे इलाकों में भी डेंगू का खौफगौरतलब है कि दिल्ली से सटे गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम की बात करें तो यहां भी डेंगू ने विकराल रुप धारण कर लिया है. गाजियाबाद में अब तक डेंगू के तकरीबन 400 मरीज मिले हैं. गाजियाबाद में डेंगू से एक लड़के की मौत भी हो चुकी है. वहीं, नोएडा में डेंगू मरीजों की संख्य़ा 300 पहुंचने वाली है. दिल्ली से सटे गुरुग्राम में भी इस साल अब तक डेंगू के 100 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं.

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डेंगू के लक्षणों में सिरदर्द, 104-105 तक बुखार होना, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी आना, आंखों में दर्द, स्किन पर लाल चकत्ते होना और मुंह का स्वाद खराब होना आता है. डेंगू बुखार 7 से 10 दिन तक रहता है. कुछ मामलों में यह दो सप्ताह भी रह सकता है. इसलिए बिना डॉक्टर के सलाह से दवा लेने पर डेंगू मरीज की प्लेटलेट्स घट सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में पांच फीसदी बेड डेंगू मरीजों के लिए आरक्षित करने के लिए कहा है.
.Tags: Delhi Dengue Cases, Dengue, Ghaziabad News, Gurugram news, Noida newsFIRST PUBLISHED : September 07, 2023, 19:13 IST

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