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भोपाल: पारंपरिक धोती कुर्ता पहने दो बल्लेबाज तेजी से रन भागने की कोशिश में और नेपथ्य में धाराप्रवाह संस्कृत में हो रही कमेंट्री. कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिलेगा यहां वैदिक पंडितों के लिए होने वाले क्रिकेट टूर्नामेंट में. महर्षि महेश योगी की जयंती पर यहां अंकुर ग्राउंड पर वैदिक पंडितों के लिए अनूठे क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया गया है. 
संस्कृत में हुई कमेंट्री 
संस्कृति बचाओ मंच के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने पीटीआई को बताया, ‘ इस टूर्नामेंट में वे खिलाड़ी भाग लेंगे जो वेदों के अनुसार अनुष्ठान कराते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘ यह टूर्नामेंट का दूसरा साल है और सारे प्रतियोगी वैदिक पंडित हैं जो पारंपरिक धोती कुर्ता पहनते हैं. वे एक दूसरे से संस्कृत में बात करते हैं और मैच की कमेंट्री भी संस्कृत में होती है.’ उन्होंने कहा कि चार दिवसीय टूर्नामेंट के आयोजन का उद्देश्य संस्कृत भाषा को बढावा देना और वैदिक परिवार में खेल भावना बढाना है. विजेता टीमों को नकद पुरस्कार के साथ खिलाड़ियों को वैदिक पुस्तकें और सौ साल का पंचांग दिया जायेगा. 
काशी में भी खेला गया था टूर्नामेंट 
धोती कुर्ते में क्रिकेट खेलने की चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर तिवारी ने कहा, ‘धोती-कुर्ते में क्षेत्ररक्षण के दौरान कोई समस्या नहीं आती है. मैंने स्वयं सोमवार के मैच में चौके-छक्के लगाए. ‘उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता में विभिन्न वैदिक संस्थानों की 12 टीमें शामिल हो रही है और यह मुकाबले 20 जनवरी तक चलेंगे. संस्कृत में कमेंट्री वाला ऐसा ही एक क्रिकेट टूर्नामेंट काशी में पिछले साल खेला गया था.’
संस्कृत है वेदों की भाषा 
विशेषता हमारी यहां यह है क्रिकेट की कमेंट्री है जो है वह भी संस्कृत में हम कर रहे हैं वेदों की भाषा पुराणों की भाषा और देवताओं की भाषा और सबसे प्राचीन भाषा जो है वह संस्कृत है संस्कृति हमारी देश की सर्वोच्च भाषा है. आज पाश्चात्य देश भी संस्कृत अपना रहे हैं, वैदिक पद्धतियों को अपनाकर विवाह भी वैदिक संस्कारों द्वारा कर रहे हैं. खेल भावना हर व्यक्ति में होती है. यहाँ जितने भी ब्राह्मण खेल रहे हैं सब कर्मकांडी ब्राह्मण है. यह कर्मकांड करते हैं यज्ञ हवन इत्यादि करते हैं,लेकिन खेल भावना इनमें भी है. विशेष नियम जो है हमारा यह है कि जो भी क्रिकेट खेलेगा वह धोती पहने  कॉमेंट्री हमारी संस्कृत में होगी और हम बात करते हैं वह भी संस्कृत में करते हैं संस्कृत को हम विश्व पटल पर पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. 

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