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नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व स्टार स्पिनर हरभजन सिंह ने हाल ही में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से रिटायरमेंट की घोषणा की थी. सालों से भारतीय टीम के लिए कमाल करने वाले भज्जी अब जिंदगी की दूसरी पारी में खुद को उतारने वाले हैं. हरभजन के रिटायरमेंट लेने के बाद से ही लगातार ये कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें आने वाले दिनों पंजाब के सियासी मैदान में उतरते हुए देखा जा सकता है. Zee News के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में हरभजन सिंह ने क्रिकेट, राजनीति और निजी जिंदगी से जुड़े तमाम मुद्दों पर खुलकर बात की. पेश हैं इंटरव्यू के मुख्य अंश.
सुधीर चौधरी: आपकी रिटायरमेंट की टाइमिंग और पंजाब चुनाव की टाइमिंग मैच कर रही है, क्या आप चुनाव लड़ेंगे या पॉलिटिक्स में आएंगे?
हरभजन सिंह: चुनाव नहीं लड़ूंगा लेकिन पॉलिटिक्स में आऊंगा या नहीं ये अभी तय नहीं किया है, कौन सी दिशा में जाना है ये अभी तय करना है, देखना है कि क्रिकेट से बड़ा क्या होगा, आगे के रास्ते कौन से होंगे, मैं वो रास्ते चुनना चाहूंगा जिनसे लोगों के लिए कुछ कर सकूं, लोगों ने मुझे बहुत प्यार दिया है उनकी जिंदगी के लिए कुछ कर सकूं तो मुझे खुशी मिलेगी.
सुधीर चौधरी: तो ये रास्ता विधान सभा की तरफ नहीं जाता?
हरभजन सिंह: मेरे रिटायरमेंट लेने का पंजाब चुनाव से कोई रिश्ता नहीं है. आवाजें बहुत सुनाई दीं कि मैं पॉलिटिक्स में जा रहा हूं, विधान सभा चुनाव के लिए मैं सभी पार्टियों को ऑल द बेस्ट कहूंगा, देखते हैं आगे क्या होता है, जब भी ऐसा कोई फैसला लूंगा तो खुद ऐलान करूंगा और सबको बताऊंगा.
सुधीर चौधरी: 2021 में आप प्लेयर थे, 2022 में आप पूर्व खिलाड़ी कहलाएंगे, रिटायरमेंट भी एक कला है, सुनील गावस्कर ने कहा था कि रिटायर तब होना चाहिए जब लोग कहें कि अभी क्यों रिटायर हो गए, तो क्या यहां लेट हो गए आप? 
हरभजन सिंह: लेट जरूर हूं इस काम में, इस नतीजे पर मैं लेट पहुंचा. 3-4 साल पहले ही मुझे रिटायर हो जाना चाहिए था, टाइमिंग ठीक नहीं थी, साल के अंत में सोचा कि क्रिकेट की सेवा किसी और तरीके से करें, खेलने की लालसा अब वैसी नहीं रही जैसी पहले थी, 41वें साल में इतनी मेहनत करने का मन नहीं करता, सोचा कि आईपीएल खेलना है तो मेहनत बहुत लगेगी, देखना है अब आगे कैसे सेवा करूं क्रिकेट की.
सुधीर चौधरी: हाल ही में जितने भी बड़े खिलाड़ी हुए हैं उन्हें ग्राउंड से रिटायर होने का मौका नहीं मिला, वीरू हों या युवराज या फिर वीवीएस, कोई भी ग्राउंड से रिटायर नहीं हो सका, क्या आपको भी ये रंज रहेगा कि आपने भी ग्राउंड से रिटायरमेंट नहीं ली?
हरभजन सिंह: हर खिलाड़ी का मन होता है कि भारत की जर्सी में रिटायर हो लेकिन हर बार किस्मत साथ नहीं देती है. कई बार ऐसा हो नहीं पाता है, वीरू या वीवीएस सबके साथ ऐसा नहीं हो सका, पीछे नजर घुमा कर देखें तो उनके लिए बीसीसीआई एक मैच दे देती रिटायर होने के लिए तो उनकी मनोकामना पूरी हो जाती, उन्होंने 10-15 साल दिए हैं क्रिकेट के लिए, लेकिन अगर ऐसा न हो सका तो भी उनकी शान कम नहीं होगी, वो बड़े खिलाड़ी थे, उनके काम बड़े हैं, उनकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के अलावा इस वक्त कोई भी टीम मजबूती से खड़ी हुई नजर नहीं आती, जबकि जब हम खेलते थे तो सबके सब मजबूत थे, उस वक्त जिम्बाब्वे की टीम भी मजबूत दिखती थी.

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