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नई दिल्ली: शास्त्री का कार्यकाल इस साल ही टी20 वर्ल्ड कप के बाद खत्म हो रहा है. रवि शास्त्री टी-20 वर्ल्ड कप के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच का पद छोड़ देंगे. टी20 वर्ल्ड कप के बाद भारतीय क्रिकेट में बड़ा बदलाव होगा. रवि शास्त्री के अलावा गेंदबाजी कोच भरत अरुण, फील्डिंग कोच आर श्रीधर और बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर के रास्ते भारतीय टीम से अलग हो सकते हैं. रवि शास्त्री खुद टी-20 वर्ल्ड कप के बाद टीम इंडिया से अलग होने की योजना बना चुके हैं. बता दें कि रवि शास्त्री का कॉन्ट्रैक्ट इस साल नवंबर में खत्म हो रहा है. BCCI भी टीम इंडिया के लिए एक नया कोचिंग स्टाफ चाहता है. ऐसे में रवि शास्त्री की जगह टीम इंडिया के कोच बनने के 4 बड़े दावेदार हैं. 
राहुल द्रविड़
BCCI ने राहुल द्रविड़ को श्रीलंका दौरे के लिए टीम इंडिया का कोच बनाया था. राहुल द्रविड़ की कोचिंग में भारत की अंडर-19 टीम ने साल 2018 में वर्ल्ड कप जीता था. भारतीय क्रिकेट बोर्ड अब बदलाव चाहता है. बोर्ड का मानना है कि टीम को अगले लेवल पर ले जाने और वर्ल्ड क्रिकेट में अजेय बनने के लिए बदलाव की जरूरत है. प्रोटोकॉल के मुताबिक टी20 वर्ल्ड कप के बाद बीसीसीआई नए हेड कोच के लिए आवेदन मंगाएगी. बोर्ड के कुछ अधिकारियों ने राहुल द्रविड़ के नया कोच बनाए जाने के संकेत दिए हैं.
माइक हेसन
न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन वर्ल्ड क्रिकेट में बहुत कामयाब कोच रहे हैं. माइक हेसन की कोचिंग में न्यूजीलैंड की टीम ने 2015 वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बनाई थी. माइक हेसन 2012 से 2018 तक न्यूजीलैंड के कोच रहे थे. मौजूदा समय में माइक हेसन IPL में विराट कोहली की कप्तानी वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम के डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट ऑपरेशंस हैं.
टॉम मूडी
टॉम मूडी मौजूदा समय में IPL में सनराइजर्स हैदराबाद टीम के डायरेक्टर ऑफ ऑपरेशंस हैं. टॉम मूडी ने साल 2017 में टीम इंडिया के कोच पद के लिए इंटरव्यू दिया था. टॉम मूडी ने कोच के सेलेक्शन प्रोसेस में रवि शास्त्री को कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन विराट कोहली की पसंद का ख्याल रखते हुए शास्त्री को कोच बनाया गया. टॉम मूडी टीम इंडिया का कोच बनने के लिए बड़े दावेदार हैं.  
वीरेंद्र सहवाग
अपनी निडर बल्लेबाजी की तरह ही बेखौफ अंदाज के लिए मशहूर टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग भी कोच बनने के दावेदार हैं. सहवाग पहले भी टीम इंडिया का कोच बनने के लिए आवेदन कर चुके हैं. हालांकि वीरेंद्र सहवाग के पास कोचिंग का अनुभव नहीं है, लेकिन बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली से उनके रिश्ते अच्छे रहे हैं. ऐसे में उन्हें मौका मिल सकता है.
क्यों शास्त्री को फिर नहीं बनना चाहिए कोच?
रवि शास्त्री (Ravi Shastri) के कोच रहते भारत 2015 वर्ल्ड कप, 2016 टी-20 वर्ल्ड कप, 2017 चैंपियंस ट्रॉफी, 2019 वर्ल्ड कप और 2021 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब नहीं जीत पाया है, जिसके बाद रवि शास्त्री (Ravi Shastri) के इस्तीफे की मांग तेज हो गई है. बता दें कि रवि शास्त्री के हेड कोच रहते टीम इंडिया कभी भी कोई आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत सकी.
शास्त्री की कोचिंग में भारत ने हारे जीते हुए टूर्नामेंट
रवि शास्त्री के कार्यकाल के दौरान टीम इंडिया को 2015 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. इसके अलावा भारत के पास अपने ही देश में 2016 टी-20 वर्ल्ड कप जीतने का अच्छा मौका था, लेकिन सेमीफाइनल में टीम इंडिया वेस्टइंडीज से हार गई. रवि शास्त्री के कार्यकाल के दौरान भारत को 2017 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान ने हराया. फिर 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने हराकर सपना तोड़ दिया. इसके बाद 2021 आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में भी भारत खिताब जीतने से चूक गया.
कुंबले की जगह शास्त्री को बनाया गया था कोच 
रवि शास्त्री (Ravi Shastri) को अनिल कुंबले (Anil Kumble) का कार्यकाल विवादास्पद परिस्थितियों में बीच में समाप्त हो जाने के बाद 2017 में मुख्य कोच नियुक्त किया गया था. रवि शास्त्री अगस्त 2014 से जून 2016 तक भारतीय टीम का निदेशक भी रहे थे. रवि शास्त्री के हेड कोच रहते टीम इंडिया कभी भी कोई आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत सकी.
कुलदीप की वजह से हुआ था कोहली-कुंबले विवाद 
बता दें कि कुलदीप यादव वही खिलाड़ी हैं, जिनकी वजह से कभी कोहली और अनिल कुंबले के बीच झगड़े की शुरुआत हुई थी. 2017 मार्च में ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे पर कप्तान कोहली और पूर्व कोच कुंबले के बीच अनबन हुई थी. दरअसल, सीरीज के तीसरे टेस्ट में कुंबले चाहते थे कि कुलदीप यादव को टीम में शामिल किया जाए, लेकिन कोहली ने इससे साफ इंकार कर दिया. यह विवाद धर्मशाला टेस्ट के दौरान हुआ था. 
इस बात पर हुआ था विवाद 
धर्मशाला टेस्ट में विराट कोहली चोट के कारण इस मैच का हिस्सा नहीं थे, और अजिंक्य रहाणे टीम के कप्तान थे. इस मैच में चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव को मौका दिया गया था. कोहली इसके खिलाफ थे, वे अमित मिश्रा को खिलाना चाहते थे. यह फैसला विराट को बिना बताए लिया गया था. इसके अलावा बताया जाता है कि विराट कोहली पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को ग्रेड-ए में शामिल किए जाने से भी खफा थे.
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