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मंगला तिवारी, मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद की सबसे प्राचीन व प्रसिद्ध चुनार के रामलीला के मंचन का शुभारंभ आज शुक्रवार से हो रहा है. अंग्रेजी शासन काल से शुरू हुई भतृहरि की तपोनगरी चुनार की रामलीला यहां की परंपरा बन चुकी है. जिसका प्रमुख आकर्षण यहां के स्थानीय कलाकारों द्वारा किया जाने वाला जीवंत अभिनय होता है. अपने आप में अनेकों इतिहास समेटे चुनार नगरी की इस ऐतिहासिक रामलीला की शुरुआत लगभग 187 वर्ष पूर्व 1836 में हुआ था, जो अब तक अनवरत जारी है.

बता दें, अंग्रेजों के जमाने में शुरू हुई चुनार की रामलीला आज तकनीक के जमाने में भी उसी सनातन परंपरा का रूप लिए भी जिंदा है. आज से इस ऐतिहासिक 21 दिवसीय रामलीला का शुभारंभ मुकुट पूजन के साथ होगा. श्री राघवेंद्र रामलीला नाट्य समिति के तत्वावधान में होने वाले इस गौरवशाली रामलीला के मंचन के देखने के लिए आसपास के दर्जनों गांवों से हजारों लीला प्रेमी यहां प्रतिदिन आते हैं. भरत मिलाप और विजयादशमी की लीला को छोड़ कर सभी लीलाएं रामलीला मैदान पर ही आयोजित की जाती हैं.

चुनार रामलीला की प्रमुख लीलाएं:

• धनुष यज्ञ- 14 अक्टूबर• राम बारात- 15 अक्टूबर• काली जी का जुलूस- 19 अक्टूबर• सीता हरण- 20अक्टूबर• लंका दहन- 22 अक्टूबर• अंगद विस्तार व चारों फाटक लड़ाई- 23 अक्टूबर• रावण वध- 24 अक्टूबर• भरत मिलाप- 25 अक्टूबर• राम राज्य तिलक- 26 अक्टूबर• सनक सनंदन- 27 अक्टूबर

अपनी भूमिका जिम्मेदारी से निभाते हैं कलाकार: अध्यक्षरामलीला नाट्य समिति के अध्यक्ष अखिलेश मिश्रा ने बताया कि यहां सभी स्थानीय पात्र ही रामलीला का मंचन करते हैं. सभी कलाकारों द्वारा अपनी भूमिका बेहद संवेदनशीलता और जिम्मेदारी से निभाया जाता है. उन्होंने आगे बताया कि यह विश्व प्रसिद्ध रामनगर की रामलीला से दो वर्ष बाद में शुरू हुआ था. हम पुरखों से विरासत में मिली इस प्राचीन और गौरवशाली रामलीला को बेहतर स्वरूप देने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति में भी इसको लेकर सवाल पूछा जा चुका है.
.Tags: Local18, Mirzapur newsFIRST PUBLISHED : October 6, 2023, 18:03 IST

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