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अयोध्या. अयोध्या में सोमवार को राम मंदिर की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ से पहले करीब दो घंटे तक दिव्य ‘मंगल ध्वनि’ बजाई जाएगी, जिसमें देशभर के 50 पारंपरिक वाद्य यंत्रों का उपयोग किया जाएगा. अयोध्या के प्रसिद्ध कवि यतींद्र मिश्र द्वारा संचालित इस भव्य संगीतमय प्रस्तुति को नई दिल्ली की संगीत नाटक अकादमी से सहयोग प्राप्त है.

‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ के अनुसार, यह संगीत प्रस्तुति सुबह 10 बजे शुरू होगी. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश से बांसुरी और ढोलक, कर्नाटक से वीणा, महाराष्ट्र से सुंदरी, पंजाब से अलगोजा, ओडिशा से मर्दला, मध्य प्रदेश से संतूर, मणिपुर से पुंग, असम से नगाड़ा और काली, छत्तीसगढ़ से तंबूरा, बिहार से पखावज, दिल्ली से शहनाई और राजस्थान से रावणहत्था बजाने वाले कलाकर शामिल होंगे.

पश्चिम बंगाल के श्रीखोल और सरोद, आंध्र प्रदेश से घटम, झारखंड से सितार, तमिलनाडु से नादस्वरम और मृदंग तथा उत्तराखंड से हुड़का कलाकर भी कार्यक्रम में भाग लेंगे. प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए 7,000 से अधिक लोगों को आमंत्रित किया गया है. इसमें राजकीय अतिथियों की सूची में प्रमुख राजनीतिक नेता, बड़े उद्योगपति, फिल्म अभिनेता, खिलाड़ी, नौकरशाह और राजनयिक शामिल हैं.

‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में भाग ले रहे लोगों में राम जन्मभूमि में मंदिर के लिए आंदोलन करने वाले लोग भी शामिल हैं. बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन, दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी और मशहूर खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर भी आमंत्रित अतिथियों की सूची में शामिल हैं. समारोह के लिए आमंत्रित किए गए विपक्ष के लगभग सभी नेताओं ने समारोह में भाग लेने से इनकार कर दिया है. कांग्रेस ने इसे भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्यक्रम बताया है.

इस भव्य समारोह के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से उपहार भेजे जा रहे हैं जिनमें भगवान राम की तस्वीर वाली चूड़ियों से लेकर 56 किस्म के ‘पेठा’, 500 किलोग्राम का लोहे-कांसे का ‘नगाड़ा’ और अमरावती से आ रहा 500 किलोग्राम “कुमकुम’ शामिल है. राम मंदिर प्रबंधन समिति को 108 फुट की अगरबत्ती, 2,100 किलोग्राम की घंटी, सोने की चप्पल, 10 फुट ऊंचा ताला और चाभी और आठवीं सदी का समय बताने वाली एक घड़ी समेत कई उपहार मिले हैं.

नेपाल में सीता के जन्म स्थान जनकपुर से भी 3,000 से अधिक उपहार आए हैं. श्रीलंका का एक प्रतिनिधिमंडल रामायण में उल्लेखित अशोक वाटिका से एक विशेष उपहार लाया है. श्रद्धालुओं को भोजन कराने के लिए यहां भंडारे, लंगर आदि विभिन्न सामुदायिक रसोइयां चलाई जा रही हैं. ये सामुदायिक रसोई निहंग सिखों से लेकर इस्कॉन और देशभर के मंदिर न्यास से लेकर अयोध्या के स्थानीय लोगों द्वारा संचालित की जा रही हैं.

उच्चतम न्यायालय ने नौ नवंबर 2019 को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमे में निर्णय देते हुए विवादित स्थल पर मंदिर बनाने और मुस्लिमों को अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था. दिसंबर 1992 में कारसेवकों ने विवादित स्थल पर मौजूद बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था.
.Tags: Ayodhya, Ram Mandir, Ram TempleFIRST PUBLISHED : January 21, 2024, 23:18 IST

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