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हाइलाइट्सदोनों नदियों का जलस्तर अभी तीन दिनों तक और बढ़ेगा.अब तक करीब 2700 लोग 14 बाढ़ राहत शिविरों में शरण ले चुके हैं.गंगा और यमुना नदियां 86 मीटर का लेवल पार कर सकती हैं.इलाहाबाद. संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां उफान पर हैं. दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं. ऐेसे में इन नदियों के पानी ने शहर में तबाही मचाना शुरू कर दिया है. दोनों नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. आशंका जताई जा रही है कि दोनों नदियों का जलस्तर अभी तीन दिनों तक और बढ़ेगा.
नदियों में आए उफान के कारण अकेले शहरी इलाके के तीन दर्जन से ज्यादा मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है. लोगों की मदद के लिए एनडीआरएफ की टीमें नावों से गलियों में जाकर बाढ़ में फंसे हुए लोगों को निकालकर उन्हें सुरक्षित जगहों तक पहुंचा रही है. शुक्रवार को एनडीआरएफ ने बाढ़ में फंसे 26 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया.
सड़कों पर गाड़ियों की जगह नावशहर में कई रिहायशी बस्तियों में पानी भरा हुआ है. कई रास्ते व सड़कें बाढ़ के पानी में समा गई हैं. जिन सड़कों पर कुछ दिनों पहले तक वाहन फर्राटा भरते थे, वहां अब नावें चल रही हैं. संगम के आसपास का पूरा इलाका ही बाढ़ के पानी में डूब गया है. तमाम मठों, मंदिरों व आश्रमों में बाढ़ का पानी समाया हुआ है.
दूसरी तरफ, गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने की कामना के साथ प्रयागराज आने वाले हजारों श्रद्धालुओं को अब सड़क पर बह रही गंगा में ही डुबकी लगाकर या आचमन करना पड़ रहा है. जिससे श्रद्धालुओं के बीच मायुसी है. गंगा के किनारे के दारागंज, छोटा बघाड़ा, बड़ा बघाड़ा, करेलाबाग, गौस नगर, सलोरी, गोविंदपुर, शिवकुटी, रसूलाबाद, राजापुर, गंगानगर, अशोकनगर, द्रौपदी घाट, नीवा, जेके कॉलोनी समेत तीन दर्जन से ज्यादा मोहल्ले तालाब बने हुए हैं,
पहली मंजिल तक आया पानीकई जगहों पर तो मकानों की पूरी एक मंजिल तक डूब गई है. सड़कों और गलियों में नावें चल रही हैं. बाढ़ में फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए NDRF व SDRF की टीम भी बुला ली गई है. NDRF की टीम बाढ़ ग्रस्त इलाकों में जाकर लोगों को सुरक्षित निकाल रही है. हालांकि शहरी इलाका होने की वजह से बाढ़ में फंसे हुए लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
लोगों को सामान का डरबड़ी संख्या में लोग अब भी अपने घरों में फंसे हुए हैं. हज़ारों की संख्या में लोग ऐसे भी हैंए जिन्हें अपनी गृहस्थी चोरी होने का डर है और वह घर बार छोड़कर कहीं जाने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने जरूरी सामान को ऊपर की मंजिल पर शिफ्ट कर दिया है और खुले आसमान के नीचे टापू बने घर में रहने को मजबूर हैं. अब तक करीब 2700 लोग 14 बाढ़ राहत शिविरों में शरण ले चुके हैं.
ग्रामीण इलाकों का हाल बुराप्रयागराज में ग्रामीण इलाकों का हाल तो और भी बुरा है. तकरीबन 50 गांव बाढ़ की वजह से प्रभावित हैं. कई गांवों का संपर्क बाहरी दुनिया से कट गया है. ग्रामीणों के आने जाने के लिए प्रशासन ने नावें लगाई हैं. डीएम प्रयागराज संजय खत्री ग्राउंड जीरो पर उतरकर बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे हैं. DM के मुताबिक अभी 3 दिन और जल स्तर बढ़ने की संभावना है. ऐसे में गंगा और यमुना नदियां 86 मीटर का लेवल पार कर सकती हैं.
डीएम ने बाढ़ में फंसे लोगों से अपील की है कि समय रहते सभी लोग सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं. उन्होंने कहा है कि बाढ़ ग्रस्त लोगों के लिए आपदा राहत शिविर खोले गए हैं. लोग आपदा राहत शिविरों में भी जाकर रह सकते हैं. वहां पर लोगों के लिए बिजली, पानी, टॉयलेट सभी इंतजाम किए गए हैं. इसके साथ ही नाश्ते भोजन और बच्चों के लिए दूध का भी इंतजाम किया गया है.
छोटे बांध बनाकर निकाला जाएगा समाधानशहर उत्तरी से बीजेपी विधायक हर्षवर्धन बाजपेई के अनुसार, सरकार बाढ़ प्रभावितों की हर संभव मदद कर रही है. हर साल बाढ़ से होने वाली तबाही से बचाने के लिए बांध बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था. लेकिन उसकी तकनीकी फीजिबिलिटी सही नहीं पाई गई. अब छोटे-छोटे बांध बनाकर बाढ़ के खतरे को कम करने की कोशिश की जाएगी.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Ganga river, Prayagraj News, Yamuna RiverFIRST PUBLISHED : August 26, 2022, 22:37 IST

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