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डेनिश शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने कुल सब्जी का सेवन सबसे अधिक किया था, उनमें टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 21% कम था. आलू कार्बोहाइड्रेट का एक सोर्स है और डायबिटीज मरीजों द्वारा हमेशा असंतुलित ब्लड शुगर लेवल का पता चलने पर उसे छोड़ दिया जाता है. यह शोध आलू के सेवन और टाइप 2 डायबिटीज के बीच लिंक का पता लगाने के लिए किया गया था.
अलग-अलग बनाने के तरीकों पर विचार करते समय अध्ययन में पाया गया है कि आलू फ्राइज/चिप्स के साथ-साथ उबले, भुने और मसले हुए आलू का सेवन पॉजिटिव रूप से टाइप 2 डायबिटीज से लिंक है. अध्ययन में कहा गया है कि केवल मैश किए हुए आलू और आलू की फ्राई/चिप्स सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण थे और इससे मेटाबॉलिक हेल्थ खराब हो सकती है. इसमें यह भी पाया गया कि उबले हुए आलू और डायबिटीज के बीच पॉजिटिव संबंध, लेकिन महत्वहीन था. अध्ययन में कुल 54,793 लोगों को शामिल थे जिनमें टाइप 2 डायबिटीज के 7,695 मामले थे.
रोजाना 150-250 ग्राम सब्जियांअध्ययन में सब्जी के सेवन और टाइप 2 डायबिटीज के बीच एक विपरीत संबंध पाया गया और रोजाना 150-250 ग्राम सब्जी के सेवन पर स्थिर हो गया. 200-400 ग्राम रोजाना सब्जी खाने से डायबिटीज का खतरा 12-14 प्रतिशत कम देखा गया.
क्या आलू खा सकते हैं डायबिटीज मरीज?क्या डायबिटीज के मरीज को आलू खाना पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए? इस सवाल पर एंडोक्रिनोलॉजी एंड डायबिटीज कंसल्टेंट डॉ. ऐश्वर्या कृष्णमूर्ति ने कहा- इस सवाल का जवाब हां में है. उन्होंने बताया कि आलू एक वर्सटाइल और अच्छी तरह से पसंद की जाने वाली सब्जी है, जो कई पारंपरिक खानों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसमें पोटेशियम और बी विटामिन भरपूर मात्रा होते हैं. ब्लड शुगर लेवल पर आलू के प्रभाव और भाग के आकार के महत्व को समझना चाहिए. आलू एक उच्च कार्बोहाइड्रेट फूड है, जो ब्लड शुगर लेवल में वृद्धि का कारण बन सकता है.
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