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Madhya Pradesh Sickle Cell Mission: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश के जनजातीय गौरव दिवस में शिरकत की. जहां पर उनके द्वारा जनजातीय समुदाय के लोगों की रक्षा के लिए एक बड़े मिशन को लॉन्च किया गया. बता दें कि, पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के जनजातीय गौरव दिवस पर ‘मध्य प्रदेश सिकल सेल मिशन’ (Madhya Pradesh Sickle Cell Mission) को लॉन्च किया. सिकल सेल एक जानलेवा बीमारी है, जो जनजातीय समुदाय के लोगों में काफी देखी जाती है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार अमर शहीद भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस को आज जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मना रही है.
आइए जानते हैं कि ये सिकल सेल मिशन क्या है और ये बीमारी कितनी खतरनाक है.
Madhya Pradesh Sickle Cell: क्या है मध्य प्रदेश सिकल सेल मिशन?PIB के मुताबिक, जनजातीय दिवस महासम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मध्य प्रदेश सिकल सेल (हीमोग्लोबिनो पैथी) मिशन’ लॉन्च किया. जिसमें अंतर्गत सिकल सेल डिजीज को मैनेज करने के तरीके और मरीजों की स्क्रीनिंग के बारे में जागरुकता फैलाई जाएगी. जिससे जनजातीय समुदाय के लोगों को बहुत बड़ा फायदा मिलेगा. क्योंकि, यह गंभीर बीमारी इस समुदाय में अक्सर देखी जाती है.
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Sickle Cell Disease: सिकल सेल डिजीज क्या है?सीडीसी के मुताबिक, सिकल सेल डिजीज रेड ब्लड सेल्स (लाल रक्त कोशिकाओं) के अनुवांशिक विकारों (जेनेटिक डिसऑर्डर्स) का एक समूह है. सामान्यत: रेड ब्लड सेल्स का आकार गोल होता है, जो रक्त धमनियों के माध्यम से पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाती हैं. लेकिन सिकल सेल डिजीज के कारण रेड ब्लड सेल कठोर और चिपचिपी हो जाती हैं और इनका आकार C के आकार के टूल ‘सिकल’ की तरह हो जाता है. इस टूल को हिंदी में दरांती भी कहा जाता है.
इस आकार की रेड ब्लड सेल्स यानी सिकल सेल जल्दी नष्ट हो जाती हैं और खून में रेड ब्लड सेल्स की कमी होने लगती है. इसके साथ ही वह रक्त धमनियों में जम जाती है और रक्त प्रवाह को बाधित कर देती हैं. जिससे गंभीर दर्द, इंफेक्शन, एक्यूट चेस्ट सिंड्रोम और स्ट्रोक जैसी बीमारियां हो सकती हैं. जो कि मरीज के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती हैं.
सिकल सेल डिजीज के प्रकारसीडीसी के मुताबिक, सिकल सेल डिजीज के निम्नलिखित प्रकार होते हैं.
HbSS- यह सबसे गंभीर और खतरनाक प्रकार होता है, जिसमें मरीज को अपने पिता और मां दोनों से एक-एक सिकल सेल जीन “S” मिलता है. इसे सिकल सेल एनीमिया भी कहा जाता है.
HbSC- यह सिकल सेल डिजीज का हल्का प्रकार है. जिसमें मरीज को पेरेंट्स में से एक से सिकल सेल जीन “S” और दूसरे पेरेंट से असामान्य हीमोग्लोबिन “C” प्राप्त होता है.
HbS beta thalassemia- इस प्रकार में मरीज पेरेंट्स में से एक से सिकल सेल जीन “S” प्राप्त करता है और दूसरे से beta thalassemia (एक प्रकार का एनीमिया) का जीन प्राप्त करता है.
इसके अलावा HbSD, HbSE और HbSO भी सिकल सेल्स डिजीज के कुछ दुर्लभ प्रकार हैं.
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सिकल सेल डिजीज का कारणसिकल सेल डिजीज एक जेनेटिक बीमारी है, जो कि जन्म के समय ही मौजूद होती है. इस बीमारी से पीड़ित शिशु को अपने पेरेंट्स से सिकल सेल जीन्स प्राप्त होता है. कुछ लोग सिकल सेल ट्रेट (Sickle Cell Trait) भी होते हैं. जिनमें एक सिकल सेल का जीन्स “S” होता है और दूसरा सामान्य जीन “A” होता है. ऐसे लोग सामान्य जीवन जीते हैं और इनमें कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है. लेकिन ये लोग अपने बच्चों में यह बीमारी पास कर सकते हैं.
सिकल सेल डिजीज की जांचसीडीसी के मुताबिक, सिकल सेल डिजीज की जांच एक आसान ब्लड टेस्ट के द्वारा की जाती है. आपको बता दें कि सिकल सेल डिजीज के लक्षण हल्के से गंभीर हो सकते हैं. जो कि नवजात शिशु के अंदर पहले साल में ही दिखाई देने लगते हैं. बिस्तर गीला करना, हाथ-पैर में सूजन, बार-बार इंफेक्शन होना, सीने में दर्द, थकान, चिड़चिड़ापन आदि इस बीमारी के लक्षण हो सकते हैं.
सिकल सेल का इलाजसिकल सेल के इलाज का तरीका उसके प्रकार पर निर्भर करता है. लेकिन सीडीसी के अनुसार, इसका प्रमुख और एकमात्र इलाज बोन मैरो या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट है. बोन मैरो एक मुलायम और पैटी टिश्यू होता है, जो हड्डियों के केंद्र में स्थित होता है. इसी जगह ब्लड सेल्स का निर्माण होता है. बोन मैरो और स्टेम सेल ट्रीटमेंट में स्वस्थ व्यक्ति से खून बनाने वाली हेल्दी सेल्स को लेकर सिकल सेल के मरीज में ट्रांसप्लांट किया जाता है.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.

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