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विशाल झा/ गाजियाबाद: हर साल पितरों की खुशी और दुखों से मुक्ति पाने के लिए पावन पर्व श्राद्ध काल 16 दिनों तक मनाया जाता है. अपने पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए तर्पण श्राद्ध कर्म आदि आवश्यक होते हैं. वैदिक काल से चली आ रही इस प्रथा को अगर किसी कारण वश पूरा किया जाता है तो अशुभ हो जाता है.गाजियाबाद में हिंदू मान्यताओं को देखते हुए हर साल श्राद्ध का आयोजन किया जाता है, जिसमें ऐसे लोगों के लिए श्राद्ध किया जाता है जिनके परिवार नहीं हैं या फिर जिनकी अकाल मृत्यु हुई है. भगवान को साक्षी मानकर विशाल संख्या में ऐसे लोगों के नाम का पिंड तैयार किया जाता है. इसके बाद विभिन्न धर्म विद्वानों की मौजूदगी में महायज्ञ किया जाता है. गाजियाबाद में ये महाश्राद्ध इस वर्ष 7-8 अक्टूबर को प्रीतम फार्म गोविंदपुरम में आयोजित किया जा रहा है.पहली बार होगा सनातन कांन्क्लेवNews 18 Local से बात करते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने कहा कि महाश्राद्ध के साथ गाजियाबाद में पहली बार सनातन कॉन्क्लेव का भी आयोजन किया जा रहा है. इस महा कॉन्क्लेव में देशभर के विभिन्न हिंदू धर्म गुरु और धर्म विद्वान शामिल होंगे, जिसमें युवाओं को श्राद्ध के महत्व और हिंदू धर्म के बारे में जागरूक किया जाएगा. दर्शन किसी भी स्कूल कॉलेज में धर्म से जुड़े मूल और सिद्धांतों की पढ़ाई नहीं कराई जाती है. ऐसे में इस कॉन्क्लेव के बहाने उन बच्चों को हिंदू धर्म की अहमियत के बारे में समझाया जाएगा.गरीब तबके के लोगों का कराते हैं फ्री श्राद्धमहाश्राद्ध को आयोजित करने वाली अमर बलिदानी मेजर आशाराम त्यागी सेवा संस्थान के चेयरमैन नीरज त्यागी ने बताया कि इस तर्पण महाश्राद्ध में दो-तीन घंटे पूजा चलती है. इनमें उन सभी गरीब तबके के लोगों का भी स्वागत किया जाता है जो अपनों का श्राद्ध पैसों की कमी के कारण नहीं करवा पाते हैं. इस श्राद्ध पूजन के बाद गरीबों के लिए व पूजा में शामिल लोगों के लिए हिंदू रीति रिवाज के अनुसार भोजन प्रसाद के रूप में तैयार किया जाता है..FIRST PUBLISHED : October 5, 2023, 20:20 IST

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