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सृजित अवस्थी/पीलीभीत: पीलीभीत शहर में स्थित कुछ प्रमुख धार्मिक धरोहरों की बात की जाए तो गौरीशंकर मन्दिर और जामा मस्जिद के साथ ही साथ शाहजी मियां दरगाह की भी काफी अधिक मान्यता है. पीलीभीत ज़िले के आस पास इलाकों के साथ ही साथ दूरदराज़ के लोग भी शाहजी मियां की दरगाह पर चादरपोशी के लिए आते हैं. हाल ही में हजरत शाहजी मियां का 120वां उर्स मनाया गया है. इस दौरान हजारों की संख्या में जायरीन यहां चादरपोशी के लिए पहुंचे.

हजरत शाहजी मियां पर अधिक जानकारी देते हुए दरगाह के सज्जादानशीन मुन्ने मियां शेरी ने बताया कि सरकार हाजी शाहजी मियां आलेरहमां की पैदाइश तकरीबन 1786 ईसवी के आसपास हुई थी. शाहजी मियां के वालिद मोहम्मद शेर खां ने उनका नाम अहमद शेर खां रखा था लेकिन वे मोहम्मद शेर, शाहजी मियां, कुतुब ए पीलीभीत के नाम से जाने गए. मान्यताओं के अनुसार लंबे समय तक शाहजी मियां ने पीलीभीत के लोगों का संरक्षण किया. वहीं कई बार बाघ के आतंक से भी लोगों की रक्षा की इसी के चलते उन्हें कुतुब-ए-पीलीभीत का दर्जा दिया गया.

अफगानिस्तान से आकर बसे थे बुजुर्गसज्जादानशीन मुन्ने मियां शेरी के मुताबिक हज़रत शाहजी मियां का ताल्लुक अफगानिस्तान के खरसान में स्थित दीवाना बाबा मजार से है. उनके बुजुर्ग अफगानिस्तान से दीन व मोहब्बत का पैग़ाम लेकर भारत आए थे. जिसमें से कुछ लोग शाहजहांपुर में आकर बस गए. इसमें से एक थे शाहजी मियां के वालिद मोहब्बत शेर मियाँ. कारोबार के सिलसिले में वे परिवार समेत पीलीभीत आ गए. यहां पर ही हज़रत शाहजी मियां की पैदाइश हुई थी.

ऐसे पहुंच सकते हैं दरगाहअगर आप भी पीलीभीत की ऐतिहासिक शाहजी मियां दरगाह पहुंचना चाहते हैं तो आपको इसके लिए सबसे पहले पीलीभीत शहर पहुंचना होगा. जहां से आप शहर के मोहल्ला मुनीर खान स्थित दरगाह पहुंच सकते हैं.
.Tags: Pilibhit news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : June 29, 2023, 23:12 IST

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