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04 माता अनुसुइया के तपोवल से मां मंदाकिनी उद्गम हुई है. उसी मंदाकानी के तट पर भव्‍य आरती का अयोजन होता है. मान्‍यता है कि जीवन में हर व्‍यक्ति को एक बार आरती में जरूर शामिल होना चाहिए. यदि इस नदी में कोई स्नान करता है, तो मोक्ष मिलता है.

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