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PCOS affects mental health: एक स्टैटिस्टिक्स अध्ययन में पाया गया कि 20 से 29 वर्ष की आयु के बीच लगभग 16 प्रतिशत महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित थीं. इन आंकड़ों से पता चलता है कि महिलाओं में पीसीओएस एक सामान्य हार्मोनल और मनोवैज्ञानिक डिसऑर्डर है. पीसीओएस महिला बांझपन का एक आम कारण है. बांझपन के अलावा पीसीओएस प्रमुख मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों जैसे चिंता, डिप्रेशन और जुनूनी-बाध्यकारी डिसऑर्डर का कारण बनता है. वास्तव में पीसीओएस और मेंटल हेल्थ का अटूट संबंध है. इसके अलावा पीसीओएस वाले मरीजों में चिंता, डिप्रेशन, मनोवैज्ञानिक परेशानी और सामाजिक भय आम हैं. आइए जानते हैं कि पीसीओएस और इससे होने वाली मेंटल डिसऑर्डर से कैसे निपटें?
1. हेल्दी लाइफस्टाइल: पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को इंसुलिन प्रतिरोध के कारण स्वस्थ वजन बनाए रखना मुश्किल हो सकता है. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है जो व्यायाम का एक मानक सेट और एक हेल्दी डाइट नहीं कर सकता. यह कहना उचित होगा कि एक हेल्दी लाइफस्टाइल रखने से न केवल आपको पीसीओएस से निपटने में मदद मिल सकती है बल्कि इसके साथ आने वाले मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से भी निजात मिल सकती है. वास्तव में एनसीबीआई के एक अध्ययन के अनुसार व्यायाम जीवन की स्वास्थ्य संबंधी गुणवत्ता और पीसीओएस लक्षण असुविधा को बढ़ाने के लिए उपयोगी है.
2. दवाएं: कुछ दवाएं मौजूद हैं जो निश्चित रूप से मेटफॉर्मिन जैसे पीसीओएस से जुड़े मेंटल डिसआर्डर से निपटने में आपकी मदद कर सकती हैं. एनसीबीआई के एक अध्ययन के अनुसार पीसीओएस मरीजों में डिप्रेशन के लक्षणों के उपचार में मेटफॉर्मिन सहायता करता है. इसके अलावा अंतर्गर्भाशयी हार्मोनल डिवाइस और मौखिक गर्भनिरोधक गोलियां जन्म नियंत्रण विकल्पों में से हैं जो पीसीओएस द्वारा लाए गए अनियमित पीरियड्स को कम करने में मदद कर सकती हैं. इसके अलावा, किसी भी प्रकार की दवा का चयन करने से पहले किसी विशेषज्ञ से परामर्श करने और अपनी स्थिति पर चर्चा करने की सलाह दी जाती है.
पीसीओएस एक विशिष्ट हार्मोनल स्थिति है जो महिलाओं को प्रभावित करती है और उनके मानसिक व प्रजनन स्वास्थ्य दोनों पर नेगेटिव प्रभाव डालती है. कुछ सामान्य पीसीओएस-संबंधित मेंटल डिसऑर्डर में चिंता, डिप्रेशन, जुनूनी-बाध्यकारी डिसऑर्डर और खाने डिसऑर्डर शामिल हैं. लेकिन पीसीओएस और संबंधित मेंटल डिसऑर्डर दोनों का इलाज उचित आहार, व्यायाम, स्वस्थ लाइफस्टाइल और सही दवाओं से किया जा सकता है.
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