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लखनऊ. कुछ दिनों पहले गलती से एक भारतीय मिसाइल पाकिस्‍तानी सीमा के अंदर जा गिरी. मिसाइल में वारहेड (विस्‍फोटक सामग्री) लोड न होने के कारण कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन पाकिस्‍तान की ओर से इस घटना को लेकर बयानबाजी का दौर जरूर शुरू हो गया. पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से लेकर अन्‍य नेता तक ने इस घटना पर बयानबाजी की है. भारत ने इस घटना पर खेद जताते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं. इन सबके बीच मीडिया रिपोर्ट में कयास लगाए जा रहे हैं कि पाकिस्‍तानी सीमा में जाने वाली भारतीय मिसाइल ब्रह्मोस (Brahmos Cruise Missile) हो सकती है. हालांकि, भारत की ओर से मिसाइल के नाम को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है. ऐसे में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल एक बार फिर से सुर्खियों में है. ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल भारत और रूस की साझा रक्षा परियोजना है और इसका उत्‍तर प्रदेश (Brahmos Cruise Missile Uttar Pradesh Connection) से भी गहरा नाता है. पिछले साल दिसंबर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में ब्रह्मोस उत्‍पादन यूनिट की नींव रखी थी. निर्माण प्रक्रिया पूरी होने के बाद ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी उत्‍पादन हो सकेगा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले साल दिसंबर में लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्‍पेस क्रूज मिसाइल मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट की नींव रखी थी. इस मौके पर उन्‍होंने रूस को भारत का रणनीत‍िक साझीदार बताते हुए कहा था कि ब्रह्मोस प्रोजेक्‍ट दोनों देशों के बीच रक्षा उत्‍पादन के क्षेत्र में सहयोग का प्रमाण है. उन्‍होंने ब्रह्मोस मिसाइल प्रोजेक्‍ट को भारत-रूस के बीच स्‍ट्रैटजिक पार्टनरशिप का सिंबल भी बताया था. ब्रह्मोस रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और रूस की NPOM के बीच एक ज्‍वाइंट वेंचर है. लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल का उत्‍पादन होने से भारत की सामरिक शक्ति में काफी इजाफा होगी. बता दें कि भारत उन देशों में शुमार है, जिनके पास उन्‍नत किस्‍म की सुपरसोनिक मिसाइल है. ब्रह्मोस मिसाइल अचूक निशाने के साथ टारगेट को ध्‍वस्‍त करने में सक्षम है.

दो नदियों के नाम पर रखा गया है ब्रह्मोस का नामब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का नामकरण भारत और रूस की नदियों पर किया गया है जो दोनों देशों के बीच गहरे रक्षा संबंध को दिखाता है. भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्‍कावा नदी के नाम पर ब्रह्मोस का नाम रखा गया है. लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्‍पेस क्रूज मिसाइल मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट की नींव रखने के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि रूस भारत का स्‍ट्रैटजिक पार्टनर है और ब्रह्मोस प्रोजेक्‍ट उसका प्रतीक चिह्न है. साथ ही उन्‍होंने कहा था कि ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल विकसित करने का उद्देश्‍य किसी देश पर हमला करना नहीं, बल्कि बाहरी खतरों से बचाने के लिए देश को सुसज्जित करना है.

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