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अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ:लखनऊ शहर में गुरुवार देर शाम एक ऐसा मामला देखने के लिए मिला, जिसे देखकर वहां मौजूद हर इंसान की आंखें नम हो गईं और संवेदनशील माने जाने वाले डॉक्टर तक भावुक हो उठे. दरअसल, पूरा मामला झारखंड की एक महिला से जुड़ा हुआ है, जोकि कई वर्षो से गायब थी.

झारखंड के गोड्डा जिले की साधना देवी अपना मानसिक संतुलन खोने के बाद घर से भटक कर लखनऊ आ गई थीं. यहां सड़कों पर कई वर्षो से इधर उधर लावारिस स्थिति में भटकती रहीं. इसी दौरान उनके पैर के तलवे में गंभीर घाव हो गया था. समाजसेवी और अधिवक्ता ज्योति राजपूत की नजर इन पर पड़ी तो उन्होंने साधना देवी को सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया और इलाज शुरू करवाया.

इस तरह मिला परिवार

महिला का इलाज 20 दिन तक चला. पैर का घाव ठीक होने के बाद अधिवक्ता ज्योति ने इसकी सूचना सोशल एक्टिविस्ट बृजेंद्र बहादुर मौर्य को दी, जिन्होंने साधना देवी की आवश्यक डिटेल्स लेकर झारखंड में परिवार खोजने की मुहिम शुरू हुई. सोशल मीडिया की मदद और अन्य संसाधनों के सहयोग से झारखंड गोड्डा जिले में साधना देवी के पिता से संपर्क हुआ.

नहीं रुके दोनों के आंसू

इसके बाद सिविल अस्पताल में गुरुवार को झारखंड से पिता आए और अपनी बेटी को सामने देखते ही फूट-फूट कर रो पड़े. इसे देख वहां मौजूद हर कोई रोने लगा लेकिन यह आंसू गम के नहीं थे बल्कि खुशी के थे. यही वजह है कि उन्होंने पूरी टीम को धन्यवाद दिया और मेडिकल प्रक्रिया पूरी करने के बाद एक परिवर्तन फाउंडेशन के अध्यक्ष ज्ञान तिवारी द्वारा साधना देवी को उनके पिता के साथ झारखंड रवाना कर दिया गया.
.Tags: Hindi news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : November 30, 2023, 21:42 IST

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