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रिपोर्ट: अंजलि सिंह राजपूत

लखनऊः संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने सोमवार को दस वर्षीय बच्ची के कंधे से कटे हाथ को दोबारा जोड़ कर उसकी जिंदगी में फिर से रंग भर दिया. डॉक्टरों के प्रयास से बच्ची विकलांग होने से बच गई. निगोंहा इलाके में रहने वाली दस साल की बच्ची का दाहिना हाथ 23 फरवरी को तेल निकालने की मशीन में फंसने के कारण कंधे के नीचे से पूरी तरह कटकर अलग हो गया था.

बच्चे के परिवार ने उसे तुरंत पीजीआई के एपेक्स ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे. जहां पर इसका इलाज शुरू हुआ. यहां प्लास्टिक सर्जरी और एनेस्थीसिया के डॉक्टर की टीम ने मरीज और उसके कटे हुए दाहिने हाथ की बारीकी से जांच की. जरूरी जांचों के बाद तुरंत ही उसे ऑपरेशन थियेटर में शिफ्ट कर दिया गया. कटे हुए हाथ की ऑपरेशन थियेटर में लाकर सफाई की गई. इसके बाद कटे हाथ को जोड़ने की तैयारी शुरू की गयी. सर्जरी के बाद बच्ची के कटे हुए हाथ ही नियमित निगरानी की गई.

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जरूरी इंजेक्शन और दवाएं दी गईं48 घंटों तक बच्ची को आईसीयू में भर्ती कर प्रतिदिन उसकी ड्रेसिंग की गई. इसके अलावा दूसरे जरूरी इंजेक्शन और दवाएं दी गईं. कटे हुए हाथ में पूर्ण रूप से रक्त प्रवाह आने के बाद बच्ची को पीएमएसएसवाई में शिफ्ट कर दिया गया. कुछ दिनों बाद उसको डिसचार्ज कर दिया गया. फिलहाल, अब पूरी तरह से बच्ची का हाथ काम करने लगा है और वह स्वस्थ है. इस जानकारी को सोमवार को पीजीआई की प्रवक्ता कुसुम यादव की ओर से जारी किया गया है.

तीन घंटे चला ऑपरेशनबच्ची के हाथ को जोड़ने में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टर और बेहोशी के डॉक्टर शामिल थे. यह जटिल ऑपरेशन चार घंटे चला. प्लास्टिक सर्जन डॉ. अंकुर भटनागर की टीम ने माइक्रोवस्कुलर (Micro Vascular Surgery) तकनीक से यह ऑपरेशन किया. हाथ कटने के कारण काफी मात्रा में खून बह गया था. इसलिये बच्ची को तीन यूनिट रक्त भी चढ़ाया गया.

इन चिकित्सकों ने की सर्जरीप्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रो.अंकुर भटनागर , डॉ. अनुपमा सिंह, डॉ. राजीव भारती, सीनियर रेजिडेंट डॉ. तंजूम कंबोज, डॉ. भूपेश गोगिया, डॉ. गौतम , आर्थो के डॉ. केशव, डॉ. सिद्धार्थ, ट्रॉमा के एनेस्थीसिया और इंटेंसिव केयर टीम के डॉ. प्रतीक, डॉ. वंश, डॉ. रफत, डॉ. सुरुचि सहित ओटी टीम और आईसीयू के रेजिडेंट स्टाफ थे.

शरीर का कोई अंग कटे तो क्या करें– सबसे पहले कटे हुए भाग को किसी साफ कपड़े में रख लें और तुरंत उसे बर्फीले पानी में डाल दें.– कटे हुए भाग पर साफ कपड़ा बांध दें अथवा ड्रेसिंग कर दें.– बिना किसी देरी के पास के अस्पताल में जाएं, जहां पर ट्रांसप्लांट की सुविधा मौजूद हो.– कटे हुए अंग को जोड़ने का गोल्डन पीरियड 6-8 घंटे का ही होता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Lucknow news, UP newsFIRST PUBLISHED : April 10, 2023, 20:40 IST

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