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विशाल झा/गाजियाबाद : शारदीय नवरात्रि में मंदिरों के साथ दुर्गा पंडाल भी जिले की रौनक बढ़ा रहें है. इंदिरापुरम के बंगाली कल्चरल ग्रुप बोंगोतोरु द्वारा इस बार खास रुप से दुर्गा पंडाल बनाया गया है. जिसकी थीम को शेड्स ऑफ क्ले का नाम दिया गया है. इस पूरे पंडाल को बंगाल के कारीगरों ने तीन हफ्तों में तैयार किया है. जो अब श्रद्धांलुओं के लिए खुल गया है.बोंगोतोरु के अध्यक्ष प्रणव घोष ने बताया कि पंडाल को बंगाल के 19 कारीगरों ने तीन हफ्तों में पूरा किया है. इस पंडाल के निर्माण का कच्चा माल पश्चिम बंगाल के बीरभूम, पुरुलिया और हुगली जिले से लाया गया है. सजावट के लिए उपयोग किए गए वस्तुओं में बांस, मिट्टी के खिलौने और हैंडलूम शामिल हैं जो थीम को बहुत सूक्ष्म तरीके से व्यक्त कर रहे हैं. ये सजावट समृद्ध और जीवंत शिल्प कौशल को उजागर करती है. बोंगोतोरु इसे एक बड़े मंच पर ला रहा है. जहां हमारी अगली पीढ़ी और समुदाय इन उत्कृष्ट कलाकृतियों का अनुभव कर सकते हैं जो कभी हमारे पैतृक घरों की शोभा बढ़ाते थे.क्या है बोंगोतोरु का अर्थ?बोंगोतोरु की सदस्य डॉ. अरुणिमा सिंघल के मुताबिक मां दुर्गा की मूर्ति के पोशाक और सजावट सादगी का प्रतीक है. यहां मां दुर्गा के 9 रूपों को दर्शाया गया है. माँ दुर्गा शक्ति, ताकत, सुरक्षा, ज्ञान, धन समृद्धि और मोक्ष की प्रतीक है. बोंगोतोरु के उपाध्यक्ष अमिताभ मजमूदार बताते हैं कि बोंगोतोरु शब्द अपने अंदर अपना अर्थ समाहित किए हुए है. “बोंगो” का अर्थ है बंगाल का क्षेत्र और “तोरु” का अर्थ है एक पेड़. बंगाल से अलग हुए सैकड़ों बंगालियों के लिए बोंगोतोरु वह पेड़, छाया और बंधन की डोर है, जो दिल्ली एनसीआर में बंगाल की संस्कृति को बांधता है. बोंगोतोरु बंगाल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रचार प्रसार और उसे मजबूत करने पर काम कर रहे है..FIRST PUBLISHED : October 22, 2023, 21:13 IST

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