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Skin cancer treatment: दिल की गति, ऑक्सजीन लेवल के बाद अब स्मार्ट फोन स्किन कैंसर के बारे में भी जानकारी दे सकेगा. दरअसल, ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने नैनोटेक्नोलॉजी से स्किन कैंसर की पहचान करने वाले कैमरा लेंस को तैयार किया है. इसके साथ ही भारतीय शोधकर्ताओं ने ऐसा बैंडेज तैयार किया है, जिससे स्किन कैंसर को शुरुआती स्तर पर ही खत्म किया जा सकता है.कहानी अभी बाकी हैलाइव टीवी
मेलबर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया कि यह कैमरा लेंस बर्थ मार्क या त्वचा पर बने किसी भी तरह के निशान की डिटेल फोटो लेता है. इन तस्वीरों के जरिए जैविक कोशिकाओं की जांच करके त्वचा के कैंसर का पता चल सकेगा. किसी भी तरह की बीमारी का पता लगाने के लिए ऑप्टिकल माइक्रोस्कोप के जरिए जैविक कोशिकाओं की जांच सबसे ज्यादा जरूरी है. लेकिन ये कोशिकाएं आसानी से दिखाई नहीं देतीं.मैग्नोटिक नैनोफाइबर से तैयार हुआ बैंडेजइंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस ने त्वचा के कैंसर को शुरुआती चरण में ही खत्म करने वाला बैंडेज तैयार किया है. इसको मैग्नेटिक नैनोफाइबर से तैयार किया गया है जो गर्माहट देकर त्वचा के कैसर वाली कोशिकाओं को खत्म कर सकता है. बैंडेज में आयरन के ऑक्सिडाइज्ड नैनोपार्टिकल्स और बायोडिग्रेडेबल पॉलीमर है, जिसे सर्जिकल टेप पर लगाया गया है इस टेप को मैग्नेटिक फील्ड मिलती है. तो इसमें मौजूद मैटेरियल मिलकर गर्माहट देते हैं और कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने का काम करते हैं.
त्वचा कैंसर के दो प्रकारत्वचा के कैंसर की बड़ी वजह सूरज से निकलने वाली अल्ट्रावॉयलेट किरणों है. यह कैंसर दो तरह का होता है. इसमें मेलानोमा और नॉन मेलानीमा शामिल हैं. मेलानीमा से मौत का खतरा भी होता है. यह काले तिल की तरह है. एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के मुताबिक 2020 में दुनिया भर में त्वचा कैंसर के 325 लाख मरीज सामने आए और 5700 लोगों की मौत हुई.
अभी ऐसे होती है जांचफेज इमेजिंग के जरिए गुजरने वाली रोशनी की गहनता से जांच की जाती है. इस प्रक्रिया के लिए अब तक भारी और महने उपकरण इस्तेमाल किए जा रहे थे. अब इसी प्रक्रिया को नैनोटेक्नोलॉजी के माध्यम से बदला गया है. इसके लिए एक नैनोमीटर बनाया गया है, जो काफी पतला है और लेस की तरह दिखता है.
तकनीक को सबसे छोटा रूप देती है नैनोटेक्नोलॉजीनैनोटेक्नोलॉजी का मतलब किसी बड़ी तकनीक को छोटा रूप देना है. इसमें किसी पदार्थ को सुपरमॉलीक्यूलर स्तर पर परिवर्तित कर दिया जाता है. इससे पदार्थ की प्रॉपर्टी पूरी तरह बदल जाती है. ये तकनीक इलेक्ट्रॉनिक्स, कपडे, खेल का सामान ब्यूटी प्रोडक्ट्स और मेडिकल साइंस की दुनिया में तमाम बदलाव ला रही है.

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