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पांडेय ने बताया कि राज्य के जेल परिसरों में इसी तरह के विक्रय केंद्र खोलने की पहल की जा रही है और उन केंद्रों पर दूसरी जेलों के उत्पाद भी मुहैया कराए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इनमें मेरठ जेल में बने खेल के सामान और ट्रैक सूट, मथुरा जेल में बने भगवान के वस्त्र, उन्नाव जेल में बनी दरी, फतेहगढ़ जेल में बने गार्डेन अंब्रेला और लखनऊ की जेल में तैयार सरसों का तेल शामिल हैं.

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