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बच्चे, युवा या बुजुर्ग सभी वर्ग के कई लोगों में नाखून खाने की आदत होती है. कई बार लोग एकाग्रता के लिए या फिर चिंता व तनाव को दूर करने के लिए नाखून चबाने लगते हैं. यह आदत बचपन से ही लोगों के अंदर आ जाती है. बच्चों में नाखून चबाना आपको भले ही हानिकारक नहीं लगता हो, लेकिन यह आदत आसपास के टिशू और छल्ली को नुकसान पहुंचा सकती है. इतना ही नहीं आपके बच्चे को दर्द का अनुभव भी हो सकता है और नाखून टेढ़े-मेढ़े हो सकते हैं, जिससे फंगल इंफेक्शन का खतरा हो सकता है. अगर आप कम उम्र में ही अपने बच्चों की नाखून चबाने से छुटकारा नहीं दिला पाए, तो यह आदत बढ़ती उम्र के साथ और ज्यादा बढ़ जाती है.
नाखून चबाने से कई तरह की बीमारियां भी आपके बच्चों को जकड़ सकती है. नाखूनों के नीचे जमी गंदगी मुंह से होते हुए पेट तक जाती है और कई प्रकार के संक्रमण को जन्म देती है. जब नाखून चबाने की आदत को कम करने की बात आती है तो डॉक्टर्स कई तरह के उपाये की सलाह देते हैं, जिनसे इस आदत के साथ-साथ कई बीमारियों का खतरा भी कम किया जा सकता है. आइए जातने हैं कि बच्चों को कम उम्र में ही नाखून चबाने की आदत को कैसे रोका जा सकता है. 
क्यों नाखून चबाते हैं बच्चे:
1. बच्चे बोर होते हैं तो चबाते हैं नाखूनक्या आप जानते हैं कि अगर आपका बच्चा बोर या ऊब रहा है तो वह नाखून चबाना शुरू कर देता है. धीरे-धीरे बच्चे इसे नियमित रूप से करने लगते हैं और फिर यह आदत में तब्दील हो जाती है. इस समय माता-पिता को चाहिए कि वह अपने बच्चों को ऐसा करने से रोकें और ध्यान दें कि वो बोर न हो रहा हो.
2. तनाव से राहत पाने के लिएनाखून चबाना किसी भी तरह के तनाव का कारण भी हो सकता है. जब माता-पिता अपने बच्चे को किसी काम को करने या कोई चीज दिलाने से मना कर देते हैं तो वह तनाव में आ जाते हैं और फिर नाखून चबाने लगते हैं.
3. सोने के लिए नाखून चबाते हैं बच्चेकई बच्चे सोने के लिए अपना अंगूठा चूसने की जगह अपने नाखूनों को काटने लगते हैं. इस वक्त माता-पिता को अपने बच्चे को नाखून चबाने से रोकना चाहिए.
बच्चों को नाखून चबाने की आदत को रोकने के लिए अपनाएं ये 7 तरीके:
1. बच्चों को इस बुरी आदत से अवगत कराएंअगर आपका बच्चा 5-6 साल का है और उसे नाखून चबाने की आदत है तो उसे आराम से समझाएं कि ऐसा न करें. यह एक बुरी आदत है. 
2. बच्चों के नाखून छोटे रखेंआपको हमेशा ध्यान रखना चाहिए की आपके बच्चों के नाखून ज्यादा बढ़े न हों. अगर आपका बच्चा नाखून खाता है तो उनके नाखूनों को आप काट दें या ट्रिम कर दें. हमेशा ध्यान रखें कि आपके बच्चों के नाखून छोटे हों, इससे नाखूनों के नीचे बैक्टीरिया और गंदगी न जमे और आपके बच्चे स्वस्थ्य रहें.
3. बच्चे के तनाव को शांत करवाएं अगर आपका बच्चा तनाव के कारण ज्यादा नाखून चबाता है तो उसे तनाव मुक्त करवाएं. ऐसे बच्चे को एक रबर की गेंद या मुलायम कपड़े का एक टुकड़ा दें ताकि उसका ध्यान नाखून से हट कर उस चीज पर चला जाए. इसके अलावा अपने बच्चे से बात करें और तनाव के स्रोत का पता लगाने की कोशिश करें.
4. कुछ अन्य विकल्प खोजेंजब कभी आप अपने बच्चों को नाखून खाते हुए देखें, तो आप उसे कोई काम दें. आप बच्चों को किसी भी इनडोर या आउटडोर गतिविधियों में शामिल होने में भी मदद कर सकते हैं ताकि उनके हाथ अन्य अच्छे किसी कामों में व्यस्त हो जाएं.
5. अपने बच्चे को इनाम देंआप अपने बच्चों को नाखून न चबाने के लिए इनाम भी दे सकते हैं. यह उन्हें उस बुरी आदत से दूर रखने के लिए प्रेरित करने में सहायक करता है.
6. बच्चों का ध्यान भटकाएंजब कभी आपका बच्चा नाखून चबा रहा हो तो उसका ध्यान हटाने के लिए रंग भरने, खेलने-कूदने या नाचने को कहें. बच्चे को एक नई गतिविधि करने या एक नया कौशल सीखने के लिए प्रोत्साहित करें. नाखून के आदि बच्चों को व्यस्त रखें.
7. स्कूल टीचर को बताएंयदि आपको कुछ नहीं सूझ रहा है तो आप अपने बच्चे के इस आदत को स्कूल टीचर को बताए कि वह घर में क्या करता है. बच्चों में टीचरों का खौफ ज्यादा होता है. टीचरों की बातें भी बच्चे ज्यादा मानते हैं.
ज्यादातर माता-पिता कड़वे स्वाद के साथ नेल पेंट का उपयोग करना पसंद करते हैं. अगर आपका बच्चा इससे सहज नहीं है, तो इसे न आजमाएं. आपके बच्चे विश्वास कर सकते हैं कि परिणाम स्वरूप उन्हें दंडित किया जा रहा है. वास्तव में, आपके बच्चों को नेल पेंट के खराब स्वाद और गंध के कारण कुछ खाद्य पदार्थ खाने में मुश्किल हो सकती है. ऊपर बताए गए तरीकों से आप बहुत जल्दी ही अपने बच्चों में नाखून चबाने की आदत को कम करवा सकते हैं और स्वास्थ्य नाखूनों के साथ आपके बच्चों की सेहत की अच्छी रख सकते हैं. 
Disclaimer:इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.

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