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सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: हिंदू पंचांग के मुताबिक सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है. इस साल यह पर्व 21 अगस्त दिन सोमवार को मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यता के मुताबिक, नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा आराधना की जाती है.

ज्योतिष शास्त्र द्वारा इस दिन बताए गए कुछ उपाय करने से कुंडली में कालसर्प दोष के अलावा अथवा राहु केतु के अशुभ प्रभाव से भी बचा जा सकता है. अगर आप राहु केतु अथवा कालसर्प दोष से परेशान हैं तो फिर आपको घबराने की जरूरत नहीं. नागपंचमी के दिन बताए गए कुछ उपाय करने से आप इससे छुटकारा पा सकते हैं.

कालसर्प दोष से मिलेगी मुक्तिअयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि 21 अगस्त दिन सोमवार को नागपंचमी का पर्व है. इस दिन कुछ उपाय करने से कालसर्प दोष और राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है. नागपंचमी के दिन नवनाग स्त्रोत का पाठ करने से राहु-केतु के दुष्प्रभाव शांत होते हैं अथवा कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव में भी कमी आती है.

करें यह उपायनागपंचमी के दिन अगर आप नवनाग स्त्रोत का पाठ करते हैं तो इससे राहु-केतु के दुष्प्रभाव शांत होते हैं तथा कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है.– कालसर्प दोष और राहु-केतु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए नागपंचमी के दिन राहु यंत्र को बहते जल में प्रवाहित करना चाहिए. ऐसा करने से भी बाधा दूर होती है.– साथ ही अगर आप अपने घर में मोर के पंख को रखते हैं तो कालसर्प दोष का दुष्प्रभाव कम होता है.– अगर आप नागपंचमी के दिन मोर पंख को घर पर लाते हैं और इसे भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति के पास रखते हैं तो इससे राहु और केतु के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है.

(NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. NEWS18 LOCAL किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)
.Tags: Ayodhya News, Local18, Religion 18, SawanFIRST PUBLISHED : August 19, 2023, 20:48 IST

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