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हिमांशु श्रीवास्तव/सीतापुरः उत्तर प्रदेश में आम आदमी के जीवन में खाने-पीने वाली वस्तु जैसे गेहूं, धान, सरसों, गन्ने, तरह-तरह की मौसमी सब्जियों के साथ-साथ मांस, मछली, अंडा, मुर्गी आदि काफी मात्रा में उत्पादन होता है. पहले की तरह अब उत्तर प्रदेश के रहने वाले लोगों की संख्या में काफी इजाफा होने के कारण खाद्यान्न पदार्थों में कमी आई है, जिसके कारण इन उत्पादकों के दाम आसमान छू रहे हैं. सरकारी तंत्र भी अब इन सभी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार की सब्सिडी और छूट प्रदान करता है.

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले से करीब 8 किलोमीटर दूरी पर स्थित एक गांव में, मोहम्मद आसिफ द्वारा मुर्गी पालन का काम लगभग 11 सालों से किया जा रहा है. सबसे पहले, उन्होंने खाने के लिए अच्छी तरह से कैसे चार दिवारी और मजबूत छाया का प्रबंध किया, फिर दवा देने के लिए पंखेवा का होना जरूरी होता है. वे बाहर से उच्च क्वालिटी के बच्चे खरीद कर लाने के लिए भी पानी और अच्छे  दाने की व्यवस्था करते हैं. चिकित्सा परीक्षण भी समय पर होता है, और ठीक 40 दिनों के बाद इनके बच्चों को बिक्री के लिए बाहर भेजा जाता है, जिसमें सभी प्रकार के चार्ज निकालने के बाद एक लाख रुपए के आसपास का मुनाफा भी होता है.

मोहम्मद आसिफ खान ने बताया कि लगभग हम 11 सालों से मुर्गी पालन का काम करते आ रहे हैं. इस समय उनके फार्म पर 7 हजार मुर्गी के बच्चे हैं, जिसमें लागत 10 से 11 लाख रुपए आता है और खर्चा निकालकर इस समय 4 लाख रुपए का मुनाफा होता है.
.Tags: Hindi news, Local18, Sitapur news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 05, 2023, 18:36 IST

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