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रिपोर्ट: चंदन सैनीमथुरा. बृज मंडल भगवान श्री कृष्ण के लिए जाना जाता है. भगवान श्री कृष्ण ने मथुरा में जन्म लिया था और अपनी लीलाऐं की थीं. पूरा ब्रजमंडल भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का साक्षी रहा है. आज भी उनकी लीलाओं के निशान समूचे ब्रज मंडल में नजर आते हैं. कुछ स्थान तो ऐसे हैं जो भगवान श्री कृष्ण से भी प्राचीन हैं. ऐसा ही एक स्थान है महाविद्या कुंड. श्री कृष्ण जन्मस्थान से कुछ ही कदमों की दूरी पर महाविद्या देवी मंदिर के समीप महा विद्या कुंड स्थित है. श्री कृष्ण जन्मस्थान आने वाले श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने आते हैं. श्री कृष्ण जन्मस्थान से रामलीला मैदान की तरफ के रास्ते में यह कुंड स्थित है.

महाविद्या मन्दिर के सेवायत पण्डित बालकृष्ण शास्त्री कुंड की मान्यताओं के बारे में बताते हैं. उन्होंने बताया कि हरिवंश पुराण के मथुरा महात्म्य में महाविद्या कुंड का जिक्र आता है. यह कुंड भगवान श्रीकृष्ण से भी प्राचीन है. यह 5232 वर्ष पुराना कुंड है. महाविद्या देवी नंद बाबा की कुलदेवी हैं. कृष्ण और बलराम का मुंडन भी महाविद्या कुंड पर ही हुआ था. भगवान श्री कृष्णा जब कंस के बुलावे पर मथुरा आए थे तो गोपियों ने महाविद्या देवी की पूजा की थी.

छत्रपति शिवाजी ने भी किया था इस कुंड पर विश्राममहाविद्या कुंड की यादें मराठा वीर छत्रपति शिवाजी के साथ भी जुड़ी हुई हैं. बताया जाता है कि जब छत्रपति शिवाजी औरंगजेब से मिलने दिल्ली गए थे तो रास्ते में उन्होंने महाविद्या कुंड पर विश्राम किया था. यहां रात्रि विश्राम करने के उपरांत छत्रपति शिवाजी अपनी टुकड़ी के साथ दिल्ली गए थे.

सूखा पड़ा है पौराणिक महत्व का कुंडयूं तो महाविद्या कुंड भगवान श्रीकृष्ण से भी पुराना है, लेकिन इतने पौराणिक महत्व का कुंड उपेक्षा का शिकार है. पर्यटन विभाग ने इसका जीर्णोद्धार भले ही कर दिया हो लेकिन पौराणिक महत्व के इस कुंड में पानी तक नहीं है. यह कुंड सूखा पड़ा है. श्री कृष्ण जन्मस्थान आने वाले श्रद्धालु जब यहां होकर गुजरते हैं तो उनकी भावनाएं आहत होती हैं. जिस कुंड में कभी भगवान श्रीकृष्ण ने स्नान किया था आज उस कुंड में पानी न होने से श्रद्धालु स्नान तो दूर आचमन तक नहीं कर पाते हैं.

उपेक्षा से नाराज हैं स्थानीय निवासीइस कुंड की उपेक्षा से स्थानीय निवासी बेहद नाराज हैं. स्थानीय निवासी अशोक कुमार कहते हैं कि महाविद्या कुंड श्रीकृष्ण से भी प्राचीन है, लेकिन उपेक्षा का शिकार है. उनका कहना है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान जाने वाले रास्ते पर यह कुंड पड़ता है. दो बार इस रास्ते से होकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गुजर चुके हैं. लेकिन कुंड की स्थिति नहीं बदली. उनका मानना है कि कुंड का जीर्णोद्धार सही तरीके से नहीं कराया गया है. उनमें एक बूंद पानी नहीं है. उन्होंने कहा कि इस कुंड का विकास पोतरा कुंड की तर्ज पर कराना चाहिए और इसे यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक दर्शनीय स्थल के तौर पर विकसित किया जा सकता है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Krishna, Mathura newsFIRST PUBLISHED : December 16, 2022, 11:00 IST

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