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Risk factor of brain tumor: आज के समय में ब्रेन ट्यूमर की समस्या डायबिटीज और कैंसर के बाद एक आम बीमारी बनती जा रही है. यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें दिमाग के किसी भी हिस्से में असामान्य रूप से बढ़े हुए टिशू के कारण एक गांठ या ट्यूमर बन जाता है. ये ट्यूमर तेजी से बढ़ते हैं और दिमाग के काम को बाधित करते हैं. कई कारक ब्रेन ट्यूमर का कारण बन सकते हैं, जिनमें से कुछ को लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं. आज हम आपको ब्रेन ट्यूमर के 6 रिस्क फैक्टर के बारे में जानकारी देंगे.
खराब लाइफस्टाइल: लाइफस्टाइल के कुछ फैक्टर, जैसे प्रोसेस्ड फूड का ज्यादा सेवन और या फलों व सब्जियों का कम सेवन, शारीरिक गतिविधि की कमी, जैसी चीजें ब्रेन ट्यूमर के विकास में योगदान कर सकते हैं.
जेनेटिक्स: कुछ लोग आनुवंशिक रूप से ब्रेन ट्यूमर के शिकार हो सकते हैं. उदाहरण के लिए, न्यूरोफाइब्रोमैटॉसिस टाइप 1 या 2, ली-फ्रामेनी सिंड्रोम या टरकोट सिंड्रोम जैसी कुछ विरासत में मिली स्थितियां ब्रेन ट्यूमर के विकास के खतरे को बढ़ाती हैं.
पर्यावरण टॉक्सिन: कुछ केमिकल या टॉक्सिन, जैसे कीटनाशकों या सॉल्वैंट्स के संपर्क में आने से ब्रेन ट्यूमर विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है. 
रेडिएशन एक्सपोजर: बचपन में रेडिएशन एक्सपोजर, जैसे कि कैंसर के इलाज के लिए विकिरण थेरेपी, ब्रेन ट्यूमर के जोखिम को बढ़ा सकता है.
फोन: मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से ब्रेन ट्यूमर हो सकता है. हालांकि कोई स्पष्ट सहमति नहीं है, लेकिन यह दिखाया गया है कि अत्यधिक और लंबे समय तक मोबाइल फोन का उपयोग ब्रेन ट्यूमर होने की संभावना को बढ़ा सकता है. कुछ सुझाव बताते हैं कि यह फोन द्वारा उत्पादित गर्मी और इसके विकिरण दोनों से जुड़ा हो सकता है.
उम्र: ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में होता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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