[ad_1]

रिपोर्ट : अंजलि सिंह राजपूत

लखनऊ .लखनऊ के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज केजीएमयू के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में अग्नाशय में स्यूडोसिस्ट का इलाज पहली बार ईयूएस(इंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड) विधि से किया गया. अब तक इसके इलाज के लिए पाइप डालकर या सर्जरी करनी पड़ती थी जिसमें मरीज को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. इसमें लंबा वक्त भी लगता था.

आपको बता दें कि इलाहाबाद निवासी 22 वर्षीय हर्षित यादव को पैंक्रियाटाइटिस ( अग्नाशय में सूजन) होने के कारण पेट में अग्नाशय के आसपास गंदगी जमा हो गई थी, जिसके कारण उसे पेट में लगातार दर्द, बुखार, उल्टी और खाना खाने में दिक्कत हो रही थी. इस स्यूडोसिस्ट के कारण आसपास की खून की नसें भी बंद हो गई थी. इसके लिए मरीज ने केजीएमयू के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में सहायक आचार्य डॉ. अनिल गंगवार को दिखाया. मरीज की सहमति से इंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड विधि से पेट के जरिए मेटल स्टैंड डाला गया. इस विधि में केवल दस मिनट का समय लगा. यही नहीं मरीज को चिकित्सकों ने उसे अस्पताल से छुट्टी भी दे दी है.

आपके शहर से (लखनऊ)

उत्तर प्रदेश

यूपीः IDSE की वार्षिक बैठक में अहम मुद्दों पर हुआ मंथन, विभिन्न राज्यों से पहुंचे अधिकारी

Lucknow News : लखनऊ विकास प्राधिकरण से घर खरीदने वालों की टेंशन होगी दूर, बनने जा रहा है विशेष काउंटर

UP Weather Update: यूपी में फिर बदलने वाला है मौसम, इस तारीख को तेज बारिश के साथ गिरेंगे ओले!

यूपी निकाय चुनावः मेयर और नप अध्यक्ष सीटें होंगी आऱक्षित, योगी सरकार लाएगी अध्यादेश

SDM Vs Tehsildar: SDM और तहसीलदार में क्या होता है अंतर, कौन है ज्यादा पावरफुल? जानिए काम करने के तरीके

CUET UG 2023: टॉप रैंकिंग में शामिल, 40 कोर्स में एडमिशन, लाखों छात्रों की पसंद बनी यह यूनिवर्सिटी

इस टॉप मेडिकल कॉलेज से सस्ते में कर सकते हैं MBBS, 1 साल की फीस केवल ₹ 1628

IPS Story : UP की पहली महिला पुलिस कमिश्नर, मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक, पति हैं विधायक

यूपी मे उपचुनावः रामपुर की स्वार और छानबे सीटों पर उपचुनाव की तारीख का ऐलान

योगी सरकार का बड़ा फैसला: निकायों में आरक्षण संबंधी अध्यादेश में संशोधन प्रस्ताव पास, जानें अन्य बातें

उत्तर प्रदेश

क्या होता है पैंक्रियाटाइटिसगैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में सहायक आचार्य डॉ. अनिल गंगवार ने बताया कि पैंक्रियाटाइटिस घातक और जटिल बीमारी होती है. यह पित्त की थैली में पथरी और शराब के सेवन से होती है. इस बीमारी में पैंक्रियाज के आस-पास मवाद इकठ्ठा हो जाता है जो आगे चल कर बहुत सी समस्या को जन्म देता है. सर्जरी से जटिलता को कम करने के लिए एंडोस्कोपी विधि से इलाज किया गया. इसमें सिर्फ लगभग 10 से 20 मिनट का समय लगता है. इस प्रक्रिया में मरीज को भर्ती करना पड़ता और यह प्रक्रिया गंभीर मरीजों में भी की जा सकती है जिनमें सर्जरी जोखिम भरा होता है. उन्होंने बताया कि एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाऊंड की सभी सुविधाएं केजीएमयू में उपलब्ध हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Lucknow news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : March 29, 2023, 22:58 IST

[ad_2]

Source link