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रिपोर्ट -धीरेंद्र शुक्ला

चित्रकूट. प्रभु श्रीराम ने अपना सबसे अधिक समय चित्रकूट में बिताया था. इसी वजह से उनको चित्रकूट से काफी लगाव था. चित्रकूट में आज भी प्रभु श्रीराम की यादें बस्ती हैं. लोग दूर-दूर से चित्रकूट में पहुंचकर प्रभु श्रीराम के चिन्हों को देखते हैं. यही नहीं, मंदाकिनी के किनारे शाम होते ही श्रद्धालु बैठकर शांति महसूस करते हैं. वहीं, भगवान श्रीराम ने अपने वनवास की पहली होली चित्रकूट में भी खेली थी.

चित्रकूट के महंत मोहित दास बताते हैं कि भगवान जब अयोध्या में थे, तब राजा राम थे. वहीं, जब वह वनवास के दौरान चित्रकूट आए, तब मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम बने. उन्‍होंने अपने वनवास की पहली होली कोल समुदाय और साधु-संतों के साथ मनाई थी, इसीलिए चित्रकूट का महत्व काफी और बढ़ जाता है. साथ ही प्रभु राम यहां रहकर अपनी यादें जीव, जंतु, पेड़ और पौधों में छोड़कर गए हैं. चित्रकूट के महंत मोहित दास ने बताया कि भगवान राम की दूसरी होली अयोध्‍या में हुई थी.

पहले पर्वत को लगाया जाता है गुलालचित्रकूट के महंत मोहित दास के मुताबिक, चित्रकूट में प्रभु श्रीराम जिस पर्वत में रहते थे. वह कामदगिरि पर्वत था. इस पर्वत को प्रभु श्रीराम ने आशीर्वाद दिया है कि जो भी चित्रकूट में आएगा, वह कामदगिरि के दर्शन करने के बाद परिक्रमा लगाकर जरूर जाएगा. होली में श्रद्धालुओं की होड़ लगी रहती है. होली के पर्व में सबसे पहले लोग कामदगिरि में जाकर परिक्रमा लगाते हैं. साथ ही गुलाल चढ़ाने के बाद ही लोग होली खेलना शुरू करते हैं. महंत मोहित दास ने कहा कि चित्रकूट में कामदगिरि पर्वत में प्रभु राम, माता सीता और उनके छोटे भ्राता लक्ष्मण रहते थे.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Chitrakoot News, Holi, Holi festival, Lord RamFIRST PUBLISHED : March 08, 2023, 10:25 IST

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