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सीने की तरह पीठ को मस्कुलर और ताकतवर बनाना भी बहुत जरूरी है. आपकी पीठ की लैट्स मसल्स को मजबूत और बड़ा बनाने के लिए लैट पुल-डाउन एक्सरसाइज काफी फायदेमंद होती है. लैट पुल-डाउन एक्सरसाइज पीठ के साथ हाथों की मसल्स को भी विकसित करती है. इसलिए, बैक एक्सरसाइज में कई लोगों की यह पहली पसंद है. आइए लैट पुल-डाउन एक्सरसाइज (Lat pulldown for back) को करने का तरीका और इसके फायदे जानते हैं.
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Lat pulldown exercise: लैट पुल डाउन एक्सरसाइज करने का सही तरीकालैट पुल डाउन एक्सरसाइज केबल पुली मशीन की मदद से की जाती है. जिसे क्लोज-ग्रिप लैट पुल डाउन, वाइड-ग्रिप लैट पुल डाउन, वन-आर्म लैट पुल डाउन आदि कई तरह से किया जा सकता है. लैट पुल डाउन का हर प्रकार (lat pulldown variations) पीठ की अलग-अलग मसल्स को मजबूत बनाता है. आइए अब बैक के लिए लैट पुलडाउन (lat pulldown in back exercise) करने का तरीका जानते हैं.
सबसे पहले पुली मशीन पर एक वेट सेट कर लें.
अब मशीन के बार को सही ग्रिप के साथ पकड़ें और सीट पर बैठ जाएं.
बार को पकड़ने के लिए नॉर्मल ग्रिप कंधों से थोड़ी बाहर होती है और हथेलियों को बाहर की तरफ रखना होता है.
इसके बाद शरीर को पीछे ना ले जाते हुए और कमर को सीधा रखते हुए बार को नीचे की तरफ लेकर आएं.
कोशिश करें कि पुली मशीन के बार को ठुड्डी के नीचे लाने की कोशिश करें.
अब धीरे-धीरे वापिस ऊपर की तरफ बार ले जाएं और इस तरह एक रैप पूरा हो जाएगा.
आपको इस एक्सरसाइज 15 रैप्स के 3 सेट्स करने हैं.

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Lat pulldown benefits: लैट पुल-डाउन एक्सरसाइज करने से मिलते हैं ये फायदे
रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ हाथों को जोड़ने वाली मसल्स मजबूत बनती है.
गर्दन की मूवमेंट कंट्रोल करने वाली मसल्स मजबूत बनती है.
हाथों की आगे का हिस्सा विकसित होता है.
बाइसेप्स के पास की मसल्स भी डेवलेप होती हैं.
आपके कंधों में मौजूद रोटेटर कफ को भी लैट पुल डाउन एक्सरसाइज करने से शक्ति मिलती है.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.

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