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नई दिल्ली. ‘आइए, उत्तर प्रदेश में निवेश करें’ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में यह कहते हुए राज्य को अगले पांच वर्षों में 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य के हिस्से के रूप में फरवरी 2023 में अपनी सरकार के बड़े शिखर सम्मेलन में दुनियाभर के निवेशकों को आमंत्रित किया. 2021-22 में उत्तर प्रदेश का जीएसडीपी लगभग 21.73 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो लगभग 270 बिलियन डॉलर है. इसलिए अगले पांच वर्षों में यूपी की अर्थव्यवस्था के आकार को लगभग चार गुना बढ़ाने का लक्ष्य है – दशकों पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए यह एक बड़ा काम है क्योंकि उस वक्त उत्तर प्रदेश को खराब कानून-व्यवस्था वाला पिछड़ा राज्य माना जाता था.

सीएम आदित्यनाथ ने कहा कि देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये उत्तर प्रदेश वृद्धि इंजन के रूप में काम करेगा. राज्य ने भी अगले पांच साल में 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेश आकर्षित करने के लिये करीब 25 नीतियां बनाकर नीति आधारित राजकाज के जरिये औद्योगिक विकास को लेकर परिवेश तैयार करने हेतु कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कई औद्योगिक परियोजनाओं पर काम कर रही है.तो, ऐसे में योजना क्या है? News18 ने इसे डिकोड करने और समझाने की कोशिश की है:

आपके शहर से (लखनऊ)

उत्तर प्रदेश

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राज्य में पैसे लाना: राज्य की वर्तमान विकास दर को तेजी से बढ़ाने के लिए, निवेश दर में उल्लेखनीय वृद्धि करने का लक्ष्य बनाया जा रहा है. उस दिशा में यूपी 10 से 12 फरवरी 2023 तक लखनऊ में ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ का आयोजन करेगा. निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सीएम खुद इस साल के अंत में विदेश यात्रा करेंगे और यूपी में पूरी मंत्रिपरिषद 18 देशों में व देश के सात शहरों में विभिन्न बैठकों और प्रचार-प्रसार का आयोजन करेगी. सीएम योगी का कहना है कि यूपी का लक्ष्य इस शिखर सम्मेलन के माध्यम से 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करना है, जिसमें भारत के साथ-साथ विदेशों के कॉर्पोरेट जगत के ‘दिग्गज’ शामिल होंगे.

राज्य सरकार ने भारतीय कॉरपोरेट्स के साथ इस दिशा में जमीनी कार्य शुरू भी कर दिया है. यूपी सरकार का कहना है कि 47 बड़ी कंपनियों ने राज्य में निवेश करने में दिलचस्पी दिखाई है, जिनमें गूगल, एडोबे, सैमसंग, टाटा, अडाणी, आईटीसी, अमूल, एलजी, बजाज, सीमेंस हेल्थकेयर, लॉकहीड मार्टिन और जेबीएम ग्रुप जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं. योगी सरकार जल्द ही इन कंपनियों के साथ डील करने के लिए एमओयू साइन करने की इच्छुक है. सैमसंग चार साल पहले नोएडा में दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल विनिर्माण सुविधा का उद्घाटन करते हुए यूपी में पहले ही अपना विस्तार कर चुका है. यूपी पहले से ही भारत के कुल मोबाइल निर्माण में 45% का योगदान दे रहा है, जबकि भारत के 55% मोबाइल कम्पोनेंट निर्माता यूपी में स्थित हैं और भारत के 26% मोबाइल निर्माता राज्य में भी काम कर रहे हैं.निवेशकों के लिए चीजों को आसान बनानायोगी सरकार के तहत उत्तर प्रदेश ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग में अपने रिकॉर्ड को लगातार बेहतर कर रहा है और सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम के साथ निवेशकों के लिए ग्रीन कार्पेट बिछा रहा है. यह वर्तमान में राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 8% योगदान देने और राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ संरेखित करने के लिए उत्तर प्रदेश की कुंजी है. सीएम ने मंगलवार को यहां एक कार्यक्रम में राज्य में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ का माहौल बनाने के अलावा ‘बिजनेस शुरू करने में सुगमता’ पर जोर दिया.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: BJP, Yogi adityanathFIRST PUBLISHED : November 22, 2022, 22:54 IST

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