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सर्वेश श्रीवास्तवअयोध्या: लाखों राम भक्तों के बलिदान और सैकड़ों वर्षों के संघर्ष का इंतजार अब खत्म होते दिखाई दे रहा है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अयोध्या की तकदीर और तस्वीर बदली जा रही है. तो वहीं दूसरी तरफ भगवान राम के मंदिर में लगने वाले राम लला की प्रतिमा के संबंध में सुगबुगाहट तेज हो गई है. गर्भ गृह में प्रभु श्रीराम के विराजमान होने की तारीख का एलान होते हीं रामलला की मूर्ति को लेकर देशभर में चर्चा का दौर शुरू हो गया है .दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रही है. जिसमें दो ट्रक पर पत्थर लदे हुए हैं और रास्ते में इन शिलाओं के दर्शन और स्वागत के लिए भी लोग जुटे हैं . हालांकि न्यूज 18 लोकर वीडियो की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन बताया यही जा रहा है कि इसी पत्थर से भगवान प्रभु श्रीराम और माता सीता की मूर्ति बनाई जाएंगी. नेपाल में पोखरा स्थित शालिग्रामी नदी या काली गंडकी से यह दोनों शिलाएं जियोलॉजिकल और ऑर्किलॉजिकल विशेषज्ञों की देखरेख में निकाली गई हैं. दावा है कि ये शिलाएं करीब 6 करोड़ साल पुरानी हैं. हालांकि, इनसे बनी मूर्तियां गर्भगृह में रखी जाएंगी या परिसर में कहीं और स्थापित होगी? ये अभी तय नहीं है.2 फरवरी को पहुंचेगा अयोध्या:हालांकि ट्र्स्ट की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. लेकिन नेपाल से चल कर 2 फरवरी को यह अहिल्या रूपी पत्थर अयोध्या पहुंचेगा. जब यह पत्थर अयोध्या पहुंचेगा तो अयोध्या के संत-महंत समेत विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी ट्रस्ट के सदस्यों की मौजूदगी में विधिवत पूजन अर्चन करेंगे.दरअसल नेपाल के पूर्व उप-प्रधानमंत्री और गृहमंत्री विमलेंद्र निधि ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के समक्ष एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि हम माता सीता की जन्मस्थली से राम जन्मभूमि ट्रस्ट को पत्थर देना चाहते हैं. जिसकी तैयारी तभी से शुरू की गई थी. इस प्रस्ताव को ट्रस्ट ने स्वीकार भी किया था.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : January 29, 2023, 19:06 IST

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