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रिपोर्ट – मंगला तिवारी मिर्जापुर. विंध्याचल एक धार्मिक पर्यटन स्थल होने के साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. गंगा किनारे बसा ये कस्बा भारत के मानक समय का भी केंद्र है. यह स्थान विंध्यासिनी मंदिर से दक्षिण, मीरजापुर-इलाहाबाद मार्ग पर अमरावती के पास स्थित है. इसी जगह से भारत का मानक समय आईएसटी (इंडियन स्टैंडर्ड टाइम) तय होता है. बता दें कि भारत ने 1 सितंबर 1947 को ही अपना मानक समय (Indian Standard Time) चुना था.

वर्ष 2007 में विंध्याचल के अमरावती चौराहे के पास भूगोल विदों के एक दल ने इस जगह को मानक समय के स्थल के रूप में चिन्हित किया था. इस जगह को चिन्हित करने वाली संस्था का नाम साइंस पॉपुलेराइजेसन एसोसिएशन ऑफ कम्यूनीकेटर्स एंड एजुकेटर्स (एसपीएसीई) है. जो भौगोलिक स्थिति से संबंधित जानकारी का रिसर्च करती है. स्पेस संस्था के अनुसार, यह स्थान 82.5 पूर्वी देशांतर पर स्थित है. जो देश का मध्य बिंदु है. यहीं से भारत का मानक समय तय होता है. स्पेस संस्था के इस जगह को चिन्हित करने के बाद जिला प्रशासन ने इस जगह का सुंदरीकरण कराया गया है. जहां एक छोटा पार्क बनवा कर गेट लगवा दिया गया है.

रावण से जुड़ी है प्राचीन मान्यताविंध्याचल का महत्व त्रेता युग में भी था. मानक समय से संबंधित एक प्राचीन कहानी भी प्रचलित है. ऐसा माना जाता है कि लंकाधिपति रावण भी विंध्याचल को पृथ्वी का केंद्र बिंदु मानता था और अपने ज्योतिष गणित की गणना करता था.

ऋषि मुनि भी मानते थे मध्य बिंदुत्रिलोक पूज्य विंध्याचल धाम पुस्तक के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार डॉ. राजेश मिश्रा ने बताया कि मां का दरबार अति प्राचीन है. हमारे ऋषि मुनि इनको ही मध्य बिंदु मानते थे. इस वजह से इनको बिंदुवासिनी भी कहा जाता है. रावण भी विंध्याचल को पृथ्वी का केंद्र बिंदु मानता था. मां विंध्यवासिनी दरबार के पास में ही स्थित बिंदेश्वर महादेव पर उसने तपस्या किया था.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Mirzapur City NewsFIRST PUBLISHED : December 16, 2022, 16:25 IST

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