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विकाश कुमार/ चित्रकूट: किसी शायर ने क्या खूब कहा है, जिस चीज को आप पूरी शिद्दत से चाहते हैं उसको मिलाने में पूरी कायनात भी आपका साथ देती है. इस शिद्दत का नजीर बने हैं चित्रकूट के बबलू गुप्ता, जिनके सिर से पिता का साया 10 वर्ष की उम्र में ही उठ गया था. तब से वह बस में कंडक्टर की नौकरी और मां टिफिन लगाने का काम करती थीं. लेकिन आज मां बेटे की लगन ने उनको दो बस का मालिक बना दिया है.

हम बात कर रहे हैं चित्रकूट के मानिकपुर आर्य नगर के रहने वाले बबलू गुप्ता की जिनके सिर से 10 वर्ष की उम्र से पिता का साया उठ गया था. उसके बाद उनकी मां ने टिफिन का शुरू किया और लोगो को घर-घर टिफिन में खाना पहुंचाने लगी. इसके बाद उन्होंने अपने बेटे को एक पान और चाय की दुकान खुलवा दी. बबलू द्वारा पान-चाय की दुकान करने के बाद उन्होंने बस में कंडक्टर की नौकरी की और आज उनकी लगन और मेहनत ने उनको दो बस का मालिक बना दिया है.

कभी बेचते थे चाय और पानबबलू की मां विमला देवी ने बताया कि उनका जीवन बहुत दर्दनिय रहा है. मानिकपुर में उनका एक छोटा सा घर था. वह लोग उसी में रहा करते थे. वही उनकी एक चाय की छोटी सी दुकान थी. जहां कभी बबलू चाय और पान बेचता था. वह डॉक्टरों के लिए खाना का टिफिन बना के दिया करती थी. कुछ दिन बाद बबलू दूसरे की बस में कंडक्टर की नौकरी करने लगा. नौकरी करते-करते अपनी लगन और मेहनत से एक छोटी बस खरीदी और चलवाने लगा. कई सालों तक एक बस को चलाते-चलाते उन लोगों ने एक बस और खरीदी और धीरे-धीरे वह लोग अपनी लगन और मेहनत से आगे बढ़ते गए. आज वह अपने लगन मेहनत के दम पर दो लग्जरी बस के मालिक है.
.Tags: Chitrakoot News, Local18FIRST PUBLISHED : March 25, 2024, 24:02 IST

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