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विशाल झा/गाजियाबाद : इन दिनों गाजियाबाद की सड़कों पर शिव भक्तों के अलग-अलग रूप देखने को मिल रहें है. हरिद्वार से दिल्ली के रूट में होने के कारण कावड़िये गाजियाबाद से अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहें है. इस बीच अपनी यात्रा पूरी कर गाजियाबाद पंहुचा एक अद्भुत महाकावड़. जिसमें लाखों का शिवलिंग रखा हुआ है और पूरे कावड़ का हिसाब करे तो लागत 5 से 6 लाख की है. ऐसा क्या खास है इस महाकावड़ में आइए विस्तार से जानते हैं.

हरियाणा के झाडसा गांव में रहने वाले मदन वर्ष 1990 से पैदल कावड़ यात्रा कर रहें है. उस वक्स सजावट और फैंसी कावड़ नहीं होते थे. लेकिन अब काफी रंग-भरी और आकर्षित कावड़ आने लगी हैं. वर्ष 2013 से मदन ने महाकावड़ के साथ अपनी यात्रा शुरु की थी, जिसका कारण था भोले से मांगी इच्छा का पूरा हो जाना.

थाईलैंड से लाया गया शिवलिंगआपको बता दे की इस महाकावड़ को बनाने में 5 से 6 लाख का खर्च आया है. क्योकि इसमें जो शिवलिंग मौजूद है वो थाईलैंड से लाया गया है. जिसकी खासियत ये है कि ये खुद ही अपने ऊपर गंगाजल का जलाभिषेक करता है. इसके साथ ही रात के समय शिवलिंग में कई प्रकार की आकर्षित लाइट जलती है, जो इसे और सुंदर बना देती है.

बरसात में मूर्तियों को नुकसान ना पहुंचेइस रथ को वॉटरप्रूफ बनाया गया है, ताकि बरसात में मूर्तियों को नुकसान ना पहुंचे. इस महाकावड़ में भगवान शंकर की विशाल प्रतिमा को स्थान दिया गया है. इनके साथ नंदी और कई और देवी -देवताओं को भी जगह दी गई है. इसका कुल वजन 800 किलो का है. इसलिए मदन अपने परिवार के साथ मिलकर इस रथ को खींचते है. अपनी चुनौतियों पर बात करते हुए मदन बताते है कि ये रथ भारी है. इसलिए इसको खींचने में काफी दिक्कत होती है.  मगर भोले की कृपा से दर्द महसूस नहीं होता है.

कमेटी लेती है फैसलामदन बताते है कि हर वर्ष सावन के पहले 24 लोगों की टीम फैसला लेती है और आपस में ही इस महाकावड़ का खर्चा वहन किया जाता है, जिसकी कीमत 5 से 6 लाख रुपये है.
.Tags: Ghaziabad News, Local18, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : July 14, 2023, 15:53 IST

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