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अंजली शर्मा/कन्नौज: इत्र नगरी में कई इत्र ऐसे हैं जो लोगों में खास है फिर चाहे वो गुलाब, बेला, शमामा हो या केवड़ा का इत्र हो. ऐसे में केवड़ा का भी इत्र लोगों के लिए बहुत खास रहता है. इसकी एक बड़ी खासियत यह होती है कि यह खाने-पीने की चीजों में भी काम आ जाता है. यही नहीं यह खाद्य पदार्थों को सुगंधित और स्वादिष्ट दोनों ही बनता है.

केवड़ा एक सुंगंधित वृक्ष है, जो अक्सर घने जंगलों में पाया जाता है. इसके सुगंधित फूलों से इत्र भी बनाया जाता है जो कन्नौज में बहुत लोकप्रिय है. आज भी कई मिठाइयों और पेय पदार्थों में केवड़े के एसेंस का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा, केवड़े के पानी का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है.

विदेशों में भी इस इतर की मांगइत्र व्यापारी आलम और विवेक नारायण मिश्रा ने बताया कि केवड़े का इत्र का कारोबार बड़े पैमाने पर होता है. केवड़े का फूल उड़ीसा में मिलता है. उड़ीसा से यहां लाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. जिसके चलते हैं यहां के व्यापारी वहीं पर ही अपना छोटा-छोटा प्लांट बना लेते हैं और वहां भी इसका इतर बनाया जाता है. साथ ही कन्नौज में भी इसका इत्र बनाया जाता है. कन्नौज के साथ-साथ पूरे देश में और विदेशों में भी इस इतर की मांग रहती है. दुबई,सऊदी अरब और गल्फ कंट्री में इसकी मांग ज्यादा होती है. हजारों से शुरू होकर इसकी कीमत लाखों में पहुंच जाती है.

किन-किन खाद्य पदार्थ में होता है प्रयोगइस इतर की खासियत होती है यह थोड़ा ठंडा होता है, और इसको खाने पीने की चीजों में भी प्रयोग किया जाता है. केवड़ा इत्र का इस्तेमाल कई तरह की मिठाइयों में और विभिन्न तरह के शरबतों में साथ ही तेल सहित कई अन्य चीजों में किया जाता है। यह खाद्य पदार्थ को स्वादिष्ट और सुगंधित बना देता है, केवड़ा इत्र केवड़ा जल इन सब चीजों में प्रयोग में आता है.

क्या होती कीमत?कन्नौज में लगभग हर छोटे से बड़ा इत्र व्यापारी केवड़े का इत्र बनाने का काम करता है. केवड़े के इतर की कीमत की बात की जाए तो करीब 6 हजार रुपए किलो से शुरू होकर 5.50 लाख रुपये किलो तक इसकी कीमत पहुंच जाती है.
.Tags: Kannauj news, Local18FIRST PUBLISHED : October 7, 2023, 14:24 IST

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