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रिपोर्ट-अभिषेक जायसवाल
वाराणसी. भोले के शहर बनारस (Banaras) को मोक्ष की नगरी भी कहा जाता है. सदियों से जीवन के अंतिम वक्त में मोक्ष की कामना को लेकर देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग यहां आते हैं और अपनी देह का त्याग करते हैं. इसके लिए वाराणसी में दो मुमुक्षु भवन (Mumukshu Bhawan) भी हैं, लेकिन इससे इतर अब बाबा विश्वनाथ के धाम (Kashi Vishwanath Dham) में हाईटेक सुविधाओं से लैस मुमुक्षु भवन को भी तैयार किया गया है, जिसका नाम ‘वैद्यनाथ भवन’ रखा गया है.
विश्वनाथ धाम में तैयार हुए इस भवन में 40 बुजुर्गों के रहने की व्यवस्था है. इसके अलावा यहां उनके लिए नित्य शिव महापुराण, रामचरित मानस और भजन कीर्तन की भी व्यवस्था की गई है. मंदिर प्रशासन ने मुंबई के तारा संस्था को इसकी जिम्मेदारी दी है.
केयरटेकर की होगी व्यवस्थाइस मुमुक्षु भवन में बुजुर्गों के लिए केयरटेकर की सुविधा भी होगी, जो उनके खाने पीने, देखरेख और कपड़े धोने आदि की व्यवस्था करेंगे. मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि यहां 65 साल से अधिक के बुजुर्गों के रहने की व्यवस्था होगी. पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर लोगो को जगह मिलेगी. विश्वनाथ धाम के ऑफिशियल वेबसाइट www.shrikashivishwanath.org पर लोग इससे जुड़ी ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
सिर्फ एक बार ही मिलेगा प्रवेश का मौकासुनील कुमार वर्मा ने बताया कि इस भवन में बुजुर्गों को यहां रहने की सुविधा निःशुल्क मिलेगी. जिस भी बुजुर्ग को यहां प्रवेश मिलेगा उसके बाद यदि वो छोड़कर जाता है तो उसे दोबारा एंट्री नहीं मिलेगी.
भगवान भोले देते हैं तारक मंत्रधार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, ऐसा कहा जाता है कि जिसकी भी काशी में मृत्यु होती है बाबा विश्वनाथ उसके कान में तारक मंत्र देते हैं. जिससे उन्हें सभी योनियों से मुक्ति मिल जाती है. यही वजह है कि जीवन के अंतिम समय में लोग यहां आते हैं और अपनी देह का त्याग करते हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Kashi Vishwanath Dham, Kashi Vishwanath Temple, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : August 19, 2022, 09:48 IST

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