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सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: सुहागिन महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्रत में से एक करवा चौथ का व्रत माना जाता है. सनातन धर्म को मानने वाली प्रत्येक सुहागन महिलाएं पूरे साल करवा चौथ के व्रत का बेसब्री से इंतजार करती हैं. हिंदू पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है. इस वर्ष यह व्रत एक नवंबर को रखा जाएगा. कहा जाता है इस दिन विधि-विधान पूर्वक माता करवा और चंद्र देव की पूजा आराधना करने से पति को लंबी आयु प्राप्त होती है.

अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि बताते हैं कि सनातन धर्म में करवा चौथ का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. करवा चौथ तिथि का आरंभ 31 अक्टूबर रात्रि 9:54 से प्रारंभ हो रहा है. उदयातिथि के मुताबिक  नवंबर को करवा चौथ का पर्व मनाया जाएगा.

ये है पूजा का शुभ मुहूर्तपूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:55 से शुरू होकर रात्रि 9:21 तक है, लेकिन पूजा का मुहूर्त रात्रि 7:24 तक ही है. इतना ही नहीं ज्योतिष गणना के मुताबिक रात्रि 5:55 से लेकर 7:24 तक कई शुभ मुहूर्त भी बन रहा है. जिसमें सर्वार्थ सिद्धि योग बुद्धदित्य जैसे शुभ योग का निर्माण भी हो रहा है. अद्भुत संयोग में किए गए व्रत का पुण्य कई गुना फलदाई माना जाता है.

चांद की क्यों होती है पूजाकरवा चौथ के व्रत को रखने वाली महिलाएं इस दिन चांद का पूजन करने के बाद छलनी से अपने पतियों का दीदार करती हैं. फिर उनकी आरती उतारती हैं. इसी के साथ व्रत पूर्ण होता है. इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रहकर भगवान शंकर और माता पार्वती की विधि-विधान पूर्वक पूजा आराधना करती हैं.

माता पार्वती ने रखा खा ये व्रतमान्यता है की सबसे पहले करवा चौथ का व्रत माता पार्वती ने भगवान शंकर के लिए रखा था. तभी से सनातन धर्म को मानने वाले लोग करवा चौथ के दिन अपने पति की विधि-विधान पूर्वक लंबी दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं.

(नोट: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष के मुताबिक है न्यूज़ 18 इसकी पुष्टि नहीं करता है)
.Tags: Ayodhya News, Karwachauth, Local18, Religion 18, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : October 30, 2023, 17:16 IST

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