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Kapil Dev 175 Not Out: क्रिकेट में भारत की जान बसती है. टीम एक मैच हार जाए तो फैंस का रो-रोकर बुरा हाल हो जाता है. भारत में क्रिकेट को जितना सम्मान दिया जाता है, शायद ही किसी खेल को मिलता हो. इस साल भारतीय टीम वर्ल्ड कप खेलना है, लेकिन हम आपको लेकर चलते हैं 40 साल पहले यानि 1983 में, जहां भारत के एक दिग्गज  बल्लेबाज ने वो कर दिखाया था जो उस समय में करना तो दूर सोच पाना भी नामुमकिन सा ही था. आइए आपको बताते हैं भारत को पहला वर्ल्ड कप जिताने वाले महान खिलाड़ी ‘कपिल देव’ की उस ऐतिहासिक पारी के बारे में जिसे आज भी याद करके या देखकर हर भारतीय गर्वान्वित महसूस करेगा.कहानी अभी बाकी हैलाइव टीवी
1983 का वो यादगार मैच1983 विश्वकप में कपिल देव की कप्तानी में भारत ने खिताब जीत दुनिया को दिखा दिया था कि यह देश किसी से कम नहीं है. लेकिन हम यहां बता रहे हैं भारत और जिम्बाब्वे के बीच आज ही के दिन खेला गया वो यादगार मैच जिसमें भारत की जीतने की उम्मीदें ना के बराबर लग रही थीं. इसके बाद दिग्गज भारतीय बल्लेबाज कपिल देव ने चमत्कार दिखाते हुए ऐसी ऐतिहासिक पारी खेल डाली जो आज भी क्रिकेट इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है. इसी पारी के दम पर भारत ने जिम्बाब्वे को धूल चटा दी थी.
कप्तान ने खेली ऐतिहासिक पारी 
भारत और जिम्बाब्वे के बीच वर्ल्ड कप का 20वां मुकाबला खेला जा रहा था. उस समय क्रिकेट में 60 ओवर के खेल हुआ करता था. इंग्लैंड में हुए वर्ल्ड कप का यह मुकाबला उस समय टुनब्रिज मैदान पर खेला गया. मैच में कप्तान कपिल देव ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी. टीम इंडिया के 17 रन पर पांच विकेट गिर चुके थे. सुनील गावस्कर(0), क्रिस श्रीकांत(0), मोहिंदर अमरनाथ(5), संदीप पाटिल(1) और यशपाल शर्मा(9) जैसे दिग्गज पवेलियन लौट चुके थे. टीम की इस खस्ता हालत को देखते हुए यहीं पर लग गया था कि आज मैच गंवा देंगे. लेकिन नहीं, रोमांच अभी बाकी था. कपिल देव मैदान बल्लेबाजी के लिए उतरे. किसने सोचा था कि उनका बल्ला आज ऐसा चलेगा कि सदियों तक याद रखा जाएगा. कपिल देव ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और कप्तानी पारी खेलते हुए 138 गेंदों में नाबाद 175 रन बना दिए. उनका यह पहला शतक था. उन्होंने इस पारी में 16 चौके और 6 छक्के जड़े. कप्तान ने न सिर्फ टीम को मुश्किल मुश्किल परिस्थिति से निकाला, बल्कि 266 रनों के सम्मानजनक स्कोर तक भी पहुंचाया. 
भारत ने जीता था वर्ल्ड कप
भारत के 267 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए जिम्बाब्वे की पूरी टीम 235 रनों पर ही सिमट गई थी. 1983 में ही भारत ने कपिल देव की कप्तानी में अपना पहला वर्ल्ड कप जीता था. इनके अलावा दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी ही ऐसे कप्तान रहे हैं जो भारत को वर्ल्ड कप जिताने में कामयाब रहे हैं. धोनी ने 2007 में टी20 वर्ल्ड कप और 28 साल बाद 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जिताया था. 2011 के बाद से टीम इंडिया अभी तक खाली हाथ है. फैंस को यही उम्मीद है कि इसी साल के अंत में होने वाले वर्ल्ड कप में भारत जीत दर्ज कर एक और ट्रॉफी अपने नाम करेगा.

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