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रिपोर्ट- शाश्वत सिंहझांसी. मशहूर चित्रकार अमृता शेरगिल की जयंती पर झांसी के युवा कलाकारों ने अपनी कला के माध्यम से श्रद्धांजलि दी. बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के ललित कला संस्थान के तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों ने अमृता शेरगिल की स्मृति में इस प्रदर्शनी का आयोजन किया. गांधी सभागार में आयोजित इस प्रदर्शनी में अमृता शेरगिल के पोर्ट्रेट और उनके द्वारा निर्मित चित्रों की प्रदर्शनी यहां लगाई गई. इसके साथ ही विद्यार्थियों द्वारा अमृता शेरगिल की मूर्ति भी बनाई गई. बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय और झांसी के मंडलीय परियोजना प्रबंधक द्वारा इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया.युवा कलाकार नंदिनी कुशवाहा ने बताया कि, इस प्रदर्शनी में कलाकारों ने अमृता शेरगिल द्वारा निर्मित चित्रों की कॉपी बनाई गई है. इसके साथ ही उनकी पेंटिंग को कोलाज के माध्यम से भी चित्रित किया गया है. एक अन्य कलाकार निकेता ने बताया कि हर वर्ष कलाकारों द्वारा कुछ नया करने का प्रयास किया जाता है. इस बार बेकार चीज़ों को भी नया रूप दिया गया है. नारियल के खोल को भी नया रूप दिया गया है. इसके साथ ही यहां अमृता शेरगिल का घर भी बनाया गया है. कलाकारों द्वारा अमृता शेरगिल के जीवन पर आधारित लघु नाट्य का मंचन भी किया गया.पढ़ाई जाती है अमृता की पेंटिंगललित कला संस्थान की सहायक आचार्य डॉ श्वेता पांडेय ने बताया कि अमृता शेरगिल का जन्म हंगरी में हुआ था. उनका पालन पोषण भी विदेशों में ही हुआ. 1935 में वह अपने परिवार के साथ झांसी आई. यहां उन्होंने सभी तीर्थस्थलों का भ्रमण शुरु किया. भारत में फैली गरीबी और पिछड़ेपन ने उन्हें काफी प्रभावित किया. उनके चित्रों में भी इसे देखा जा सकता है. 1941 में बहुत अल्प आयु में ही उनका देहांत हो गया. उनकी पेंटिंग आज भी विद्यार्थियों को पढ़ाई जाती है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : February 03, 2023, 10:23 IST

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