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रिपोर्ट: शाश्वत सिंह
झांसी. हिंदी हमारी मातृभाषा होने के साथ राजभाषा भी है. इसे पढ़ना, समझना और बोलना हम सबकी जिम्मेदारी है. इसके साथ ही हिंदी का प्रचार प्रसार करना भी हमारा कर्तव्य है. इसमें सबसे बड़ा योगदान युवाओं का होना चाहिए, लेकिन पिछले कुछ समय से युवाओं की हिंदी के प्रति रुचि घटती जा रही थी. हालांकि अब हिंदी को लेकर तस्वीर बदलती नजर आ रही है. इसकी बानगी बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में उस वक्त देखने को मिली जब इस वर्ष छात्र-छात्राओं ने रिकॉर्ड एडमिशन लिए हैं. पिछले कुछ सालों से विभाग में जहां 60 सीटें भी नहीं भर पा रही थीं. वहीं, इस वर्ष 120 सीटें पूरी भर जाने के बाद हिंदी विभाग को विश्वविद्यालय प्रशासन से 60 सीटें अतिरिक्त मांगनी पड़ीं.
हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. पुनीत बिसारिया ने बताया कि 180 सीटों में से 160 भर चुकी हैं और 200 विद्यार्थी अभी भी प्रतीक्षारत हैं.उन्‍होंने बताया कि इसका सबसे बड़ा कारण कैम्पस प्लेसमेंट है. विद्यार्थियों को पढ़ाई पूरी करने के साथ ही नौकरी भी मिल जा रही है. पिछले कुछ सालों में कई विद्यार्थी बैंक, रेलवे, सेना आदि में नौकरी पा चुके हैं. इसके साथ ही विद्यार्थियों की नियुक्तियां सहायक आचार्य के पदों पर भी हुई हैं.
छात्रों को दी जाती है निःशुल्क कोचिंगप्रो. बिसारिया ने बताया कि सिलेबस की पढ़ाई के अलावा यहां विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क कोचिंग भी चलाई जाती है. यूजीसी नेट की परीक्षा और हिंदी भाषा में सिविल सेवाओं की तैयारी भी विद्यार्थियों को करवाई जाती है. पढ़ाई के साथ मुफ्त कोचिंग मिलने की वजह से भी विद्यार्थी यहां बड़ी संख्या में प्रवेश ले रहे हैं. प्रो. बिसारिया ने उम्मीद जताई है कि हिंदी में विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ती रहेगी और युवा हिंदी को एक नई पहचान दिलाएंगे.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Hindi Diwas, Jhansi newsFIRST PUBLISHED : September 14, 2022, 10:07 IST

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