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रिपोर्ट:शाश्वत सिंह
झांसी. भारत में स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल पहली बार 1857 संगम में फूंका गया था.एक सैन्य विद्रोह से शुरू हुई इस कहानी ने अंग्रेजी हुकूमत की चूलें हिला दी थी. देश में पहली बार सामूहिक रूप से अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत आई थी. 1857 में पड़ी इस नींव ने ही हमें 1947 में आजादी दिलवाई थी. 1857 की क्रांति शुरू कैसे हुई और पूरे भारत में इसका विस्तार कैसे हुआ इस पर आधारित एक प्रदर्शनी झांसी के राजकीय संग्रहालय में लगाई गई है. यहां 3D मॉडल्स और लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से आपको 1857 की पूरी क्रांति यात्रा दिखाई जाएगी.
इस प्रदर्शनी में अंग्रेजों द्वारा भारतीयों पर अत्याचार, मंगल पांडे के नेतृत्व में सैन्य विद्रोह को दिखाया गया है. इसके बाद सैनिकों द्वारा मुगल शासक बहादुर शाह जफर की मदद लेना, नानासाहेब पेशवा का इस क्रांति में सक्रिय होना भी आप यहां देख और सुन पायेंगे. झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई द्वारा अंग्रेजों को किस प्रकार धूल चटाई गई, बीबीघर का हमला, अंग्रेजों की ट्रेजरी पर भारतीय विद्रोहियों का कब्जा और उसके बाद की कहानी भी आप यहां देख सकेंगे.
1857 हमारे लिए गौरव का विषयराजकीय संग्रहालय के निदेशक डॉ सुरेश कुमार दुबे ने बताया कि 1857 की क्रांति हम सबके लिए गौरव का विषय है. इस प्रदर्शनी के माध्यम से हम युवाओं को उनके गौरवशाली इतिहास से अवगत करवाना चाहते हैं. 17 अगस्त तक यह प्रदर्शनी निशुल्क खुली रहेगी. सुबह 10 से शाम 5 बजे तक यह प्रदर्शनी खुली रहेगी. इसके अलावा भी आम दिनों में यह प्रदर्शनी खुली रहती है.पर्यटक 5 ₹ का टिकट लेकर भी इस प्रदर्शनी को देख सकते हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Azadi Ka Amrit Mahotsav, Jhansi newsFIRST PUBLISHED : August 15, 2022, 13:59 IST

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