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रिपोर्ट: शाश्वत सिंह

झांसी. आज के समय में दुनिया आत्मनिर्भरता और सस्टेनेबल डेवलपमेंट की तरफ बढ़ रही है. उर्जा के उन स्त्रोतों के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है जिनसे पर्यवारण को नुकसान ना पहुंचे. झांसी स्थित बुंदेलखंड विश्वविद्यालय भी पर्यावरण संरक्षण और सस्टेनेबल डेवलपमेंट की दिशा में काम कर रहा है. विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन की छत पर सोलर प्लेट लगाई गई हैं. सोलर प्लेट से जो बिजली पैदा होगी उसे प्रशासनिक भवन में इस्तेमाल किया जाएगा. इसकी शुरुआत बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय ने की है.

प्रो. मुकेश पाण्डेय ने बताया कि प्रशासनिक भवन की छत पर 40 किलोवाट की क्षमता वाली सोलर प्लेट लगाई गई है. इसकी मदद से 1 दिन में लगभग 160 यूनिट बिजली का उत्पादन होगा. यह बिजली प्रशासनिक भवन में इस्तेमाल की जाएगी. उन्होंने बताया कि देश अक्षय ऊर्जा की तरफ अग्रसर है. बुंदेलखंड विश्वविद्यालय भी इस दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है. प्रो. पांडेय ने कहा कि सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से जहां एक तरफ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, तो वहीं दूसरी तरफ बिजली पर होने वाले विश्वविद्यालय के खर्च में कमी आयेगी.

5 मेगावाट सौर ऊर्जा का लक्ष्यपूर्व में भी विश्वविद्यालय ने सौर ऊर्जा से चलने वाली स्ट्रीट लाइट विश्वविद्यालय कैंपस में लगाई थीं. इसके बाद यह सोलर प्लेट लगाई गई हैं.वर्तमान में विश्वविद्यालय एक यूनिट पर 9 रुपए खर्च करता है. सोलर प्लेट की मदद से यह लागत 4 से 5 रुपए प्रति यूनिट आ जायेगी. प्रो. पांडेय ने बताया कि भविष्य में विश्वविद्यालय 5 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए प्रयास कर रहा है. इस दिशा में लगातार काम भी जारी है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Bundelkhand news, Jhansi news, Solar systemFIRST PUBLISHED : November 15, 2022, 16:01 IST

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