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रिपोर्ट- शाश्वत सिंह झांसी. झांसी के बरुआसागर के अदरक को ग्लोबल पहचान देने की कवायद शुरू कर दी गई है. बरुआसागर में स्थानीय अदरक की प्रजाति के उत्पादन और उसकी बिक्री को बढ़ाने लिए यह कदम उठाया जा रहा है. यहां के अदरक को जीआई टैग दिलाने की कवायद शुरु कर दी गई है. उत्तर प्रदेश सरकार और नाबार्ड द्वारा झांसी के बरुआसागर क्षेत्र में उगने वाले अदरक के लिए यह प्रयास किए जा रहे हैं. यह अदरक अपने स्वाद और महक के लिए विशेष पहचान रखता है. अगर इसे जीआई टैग मिल जाता है तो अदरक की इस किस्म के उत्पादन को काफी प्रोत्साहन मिलेगा.

बरुआसागर के अदरक की जीआई टैगिंग प्रक्रिया के लिए नाबार्ड ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इसमें सरकार के विभिन्न विभागों और राज्य तथा केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की मदद से प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक भूपेश पाल ने कहा कि बरुआसागर में अदरक के उत्पादन को बढ़ावा देने और इसकी बेहतर मार्केटिंग के मकसद से योजना तैयार की जा रही है.

कई मायनों में खास है अदरकदरअसल जीआई टैग जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग को कहा जाता है. यह किसी विशिष्ट उत्पादन को पहचान दिलाने में मदद करता है. बरुआसागर में पैदा होने वाली अदरक की प्रजाति बरुआसागर लोकल नाम से जानी जाती है. इसमें कई प्रकार के औषधीय गुण होते हैं. इसका स्वाद भी अन्य प्रजातियों से अलग होता है. अदरक उत्पादन से जुड़े किसानों को बीज उत्पादन से लेकर बीमारी के उपचार तक की तकनीकों से अवगत कराया जा रहा है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Jhansi newsFIRST PUBLISHED : January 21, 2023, 09:19 IST

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