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शाश्वत सिंह/झांसी: झांसी की पारंपरिक कलाएं अब ग्लोबल होने लगी हैं. यहां की कलाओं को दुनिया तक पहुंचाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. झांसी में एक युवा और बुजुर्ग की जोड़ी एकसाथ मिलकर चितेरी के साथ नए एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं. पारंपरिक रूप से दीवारों पर होने वाली चितेरी को अब बैग्स, पर्स, डेकोरेटिव आइटम्स और मोमेंटो और पर भी उकेरा जा रहा है. लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं और इसके ऑर्डर भी दे रहे हैं.

इस जोड़ी में बुजुर्ग और अनुभवी परशुराम गुप्ता ने बताया कि उन्होंने बचपन से ही चितेरी को दीवारों पर बनते देखा है. लेकिन, अब लोग अपने घर का डिजाइन ऐसा बनाते हैं कि दीवारों पर चितेरी नहीं हो पाती है. इसलिए अब हम इस चितेरी को एक नए अंदाज में लोगों के बीच ला रहे हैं. हमने बैग, हैंडबैग, झोले, गमछे पर चितेरी उकेर रहे हैं. इसके साथ ही कई अन्य वस्तुओं पर भी चितेरी डिजाइन की जा रही है.

युवाओं को भी जोड़ने का प्रयासपरशुराम गुप्ता के युवा साथी 19 साल के सबत खाल्दी ने बताया कि वह अपने बड़े बुजुर्गों से चितेरी के बारे में सुना करते थे. लेकिन, डिजाइन कभी दिखती नहीं थी. इसके बाद उन्होंने पत्थरों और प्लेट जैसे चीजों पर चितेरी बनानी शुरू की. अब वह प्रोग्राम में दी जाने वाली ट्रॉफी और मोमेंटो भी चितेरी डिजाइन बनाई जा रही है. इसके लिए लोग ऑर्डर भी दे रहे हैं.
.Tags: Jhansi news, Local18FIRST PUBLISHED : December 2, 2023, 21:11 IST

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