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आदित्य कृष्ण/ अमेठी. देश और दुनिया चांद पर जाने का सपना देखने के साथ रेडियो पर मन की बात सुन रही है. वहीं अमेठी में एक गांव ऐसा भी है जो कभी रेडियो केंद्र की पहचान हुआ करता था. जो अब जर्जर अवस्था में पहुंचने के साथ ही गांव की भी पहचान मिटती जा रही है. कभी देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने विकास का पुलिंदा बांधते हुए इस परियोजना का शुभारंभ किया था. उद्देश्य था कि गांव के लोगों को सुविधा मिल सके, लेकिन वर्तमान समय के हालात काफी चिंतनीय है.पूरा मामला वीवीआइपी जिला अमेठी के सराय हृदयशाह गांव का है. जहां पर 11 मई 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री रहे स्वर्गीय राजीव गांधी ने गांव में ही दूरदर्शन अल्प शक्ति प्रसारण केंद्र का शुभारंभ कराया था.करीब 2 सालों तक चले इस केंद्र मेगांव के लोगों को हाईटेक सुविधाएं दी जाती थी.लेकिन बदलते वक्त और हालातों के साथ-साथ किसी कारण वश इस केंद्र को बंद कर दिया गया. केंद्र बंद होते ही धीरे-धीरे गांव से सुविधाएं खिसकने लगी खास बात तो यह भी थी कि इस गांव को केंद्र स्थापित होने के बाद लोग टीवी टावर के नाम से जानते थे. गांव के पास पड़ोस के लोगों के साथ-साथ कई जिलों के लोगों को इस गांव का नाम बड़े जोरों शोरों से चर्चा करते थे.गांव की पहचान इंटरनेट मीडिया में भी खूब प्रचलित हुई थी. लेकिन केंद्र बंद होने के बाद यह सब कुछ खत्म हो गया.2014 में जगी थी आस फिर भी हाथ लगी निराशा2014 में एक बार फिर तत्कालीन सांसद रहे राहुल गांधी ने इस केंद्र का फीता काटकर व्यवस्थाएं शुरू कराने की बात कही थी. लेकिन सिर्फ और सिर्फ कागजों तक ही सारी परियोजनाएं सिमट गई. धरातल पर कहीं कोई काम नहीं हुआ केंद्र के हालात बद से बदतर हैं और ग्रामीण सुविधाओं के अभाव की बात कह रहे हैं.बदलते समय के साथ सुविधाएं खत्म हो गईग्रामीण राम शंकर यादव ने बताया कि इस गांव में जब केंद्र बना था तो बच्चों को सुविधा मिलती थी. केंद्र के कर्मचारी आपातकालीन स्थिति में अपने वाहन से लोगों को मदद देते थे. अन्य कई सारी सुविधाएं थी. लेकिन बदलते समय के साथ सुविधाएं खत्म हो गई केंद्र आज जर्जर स्थिति में है. हम सब की मांग है कि केंद्र को जल्द से जल्द शुरू कराया जाए. जिससे हमारे गांव की पहचान वापस आ सके..FIRST PUBLISHED : June 06, 2023, 22:20 IST

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